भारत की आत्मा हिंदी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. हिंदुस्तान की आत्माहैं हिंदी,भारत के माथेकी है यह बिंदी। आज कल हिंदी है,किसीकोने में पड़ी,अंग्रेजी हैं इसकेसामने,रोड़ा बनकर खड़ी। हिंदी को रख दियाहै हमने तोड़ मरोड़कर,अंग्रेजी भाषा केनए-नए शब्द जोड़कर। हिन्दुस्तान में अब‘हिंदी दिवस’,मनाना पड़ता हैहम हिंदी है ये,अब हमें याददिलाना पड़ता है। … Read more

हिंदी:भाषा-प्रयोगशाला बनाई जाए

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. “हिंदी में तो शान है,हिंदी में है आन।हिंदी में क्षमता भरी,हिंदी में है मान॥हिंदी में है नम्रता,किंचित नहीं अभाव।नवल ताज़गी संग ले,बढ़ता सतत प्रभाव॥” हिंदी एक ऐसी भाषा है जो आसानी से हर वर्ग को समझ आती है। हिंदी के विकास के लिए … Read more

हिंदीभाषी प्रान्त एक हो जाएं तो कठिन काम नहीं

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. आप जितना परछाई पकड़ने का प्रयास करते हैं,वह बढ़ती जाती है और आप स्थिर हो जाएं तो वह पकड़ में आ जाती है। ऐसे ही हिंदी दिवस पर हिंदी की बात एक औपचारिकता होती है। आज हिंदी का विकास,लेखन और प्रचलन कागजों में बहुत है,पर व्यवहारिक … Read more

विश्व में हिंदी का परचम लहराएँ

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. अनुपम है,देवनागरी भाषा-हिंद की आशा। हिंदी से हम,हिंदी ही स्वाभिमान-हिंदी में प्राण। नस-नस में,प्यारी हिंदी समाई-गर्व बढ़ाईI हिंदी की बिंदी,माँ का श्रंगार बिंदी-प्यारी-सी बिंदी। आज़ादी के बाद जब संपूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में बाँध कर रखने की आवश्यकता महसूस हुई तो ये … Read more

देश की आभा फिर हो

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** स्वार्थ के वश सब अपनी सोचें,देश की है किसको चिंता।एक स्वार्थ से सब स्वार्थ सधेंगे,सोचो तुम जो हो जिन्दा। बाग ही गर जो उजड़ गया तो,फूल कहाँ रह पाएगा।गुलशन भले ही आज सजा हो,पतझड़ में मुरझाएगा। एक-एक से मिलकर हम अब,सवा अरब के पार हुए।एक पेट और हाथ है … Read more

कौवे का शुभ संदेश

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* पितृ पक्ष विशेष…. कौवे की शुभ सुन लें बात,देता है सुंदर सौगात।मूर्ख मनुज कैसा इंसान,पितर पक्ष में बने महान। ढोंग करे अरु व्यर्थ सम्मान,प्राणयुक्त में रखा न ध्यान।मीठे पकवानों का भोग,खाएँगे यह पाले रोग॥ कहते कौवा खाओ भोग,प्रेषित करते बहुत वियोग।प्राणयुक्त में बड़ा रूलाय,मृत होने पर रीत निभाय॥ वृद्धावस्था का जो … Read more

कुछ कह तो सही

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** सुनेगा जमाना कुछ कह तो सही,अकड़ छोड़ खामोश रह तो सही। ख्यालात जर्जर अभी छोड़ कर,नये सोच के कर जिरह तो सही। यहाँ ऐब किसमें नहीं है बता,करो आज पहले सुलह तो सही। पटक सर रहे लोग दीवार पर,इमारत गयी जीर्ण ढह तो सही। हिमायत करे क्यों अधिक झूठ को,अकेले सही चीज बह … Read more

तर्पण

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** पितृ पक्ष विशेष…… तर्पण करते हैं सभी,लेकर जौ तिल हाथ।करते हैं सब प्रार्थना,जाते मानव साथ॥ करे स्नान जल्दी सभी,देते हाथों नीर।मीठे मेवा को बना,भोग लगाते खीर॥ अर्पण करते नीर हैं,करते हैं जब याद।मनोकामना पूर्ण से,पाते आशीर्वाद॥ आते पूर्वज साल में,ले कागा का रूप।होती मन में है खुशी,लगता रूप अनूप॥ … Read more

अकेलापन

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** तेरे प्यार का मुझको,यदि मिल जाए आसरातो जिंदगी हँस करके,गुजर जाएगी मेरीऔर अंधेरे दिल में,रोशनी हो जाएगीऔर मेरा अकेलापन,दूर हो जाएगा। तुझे देख कर दिल,धड़कने लगा हैबुझे हुए चिराग,फिर से जल उठे हैंकुछ तो बात है तुममें,जो दिल की धड़कन होऔर फिर से जीने की,तुम ही किरण हो। दिलों का मिलना भी,एक … Read more

है गर्व हमें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. भारत की आत्मा है हिन्दी,व हमारी दिनचर्या भी यही,…………………है गर्व हमें।………………………. जन्मे भारत की माटी पर,भाषा सबसे प्यारी है यही,………………..है गर्व हमें॥……………………….भारत की आत्मा है हिन्दी… है ओम शब्द हिन्दी का ही,जो सूरज दिन भर कहता है।चन्दा भी हर पूर्णमासी में,अपनी किरणें … Read more