वीणा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************** माता वीणा वादिनी,देना मुझको ज्ञान।शीश झुकाऊँ द्वार पे,हूँ बालक नादान॥हूँ बालक नादान,कृपा मुझ पर बरसाना।वीणा की झंकार,सात सुर आप बजाना॥कहे विनायक राज,नहीं मुझको कुछ आता।करो हृदय में वास,शारदा आओ माता॥

पुरखों को दो मान

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ********************************** पितृ पक्ष विशेष….. करते पूजा पाठ,पितर की करते सेवा।मन में श्रद्धा भाव,और खाते सब मेवा॥करते अर्पण नीर,देव को सभी मनाते।चावल जौ को साथ,हाथ लेकर सब जाते॥ करते पितृ को याद,साल में सब है आते।होते भगवन रूप,सभी अपने घर जाते॥छत के ऊपर बैठ,काग को भोग खिलाते।है पितरों का रूप,यहाँ हम … Read more

शब्द:अर्थ का अनर्थ

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** ‘तुम जहां से गुजरे,बहार आ गई।’ हमने तो इतना ही कहा था और वो लड़ने-मरने पर उतारू हो गए।“अरे! यह तुमने क्या लिख दिया कि ‘हम जहां से गए और बहार आ गई।’ यानी कि तुम हमारे मरने का इंतजार कर रहे थे कि हम इस जहान से गुजर जाएँ और तुम … Read more

अहंकार का वृक्ष

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* अहंकार का वृक्ष लगाकर,सींचा उसको शान से।विपत काल में छोड़ गए सब,तेरे निज अभिमान से॥ व्यर्थ दिखावें पर जीवन को,रखकर दिन को काटता,उच्च वस्तुओं का दम भरकर,रिश्तों को भी छाँटता।आज वक्त ने छीन लिया सब,अल्प समझ अरु ज्ञान से,अहंकार का वृक्ष लगाकर,सींचा उसको शान से…॥ टहनियों में द्वेष भर गया,पनप गई … Read more

श्राद्ध में श्रद्धा जीवन का मेरूदंड

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* पितृ पक्ष विशेष…. भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म में श्राद्ध का अपना विशेष स्थान है। श्रद्धा से श्राद्ध शब्द बना है। श्रद्धा पूर्वक किए हुए कार्य को श्राद्ध कहते हैं। सत्कार्यों के लिए आदर-कृतज्ञता की भावना रखना श्रद्धा कहलाता है। श्राद्ध द्वारा हमारी संस्कृति ने श्रद्धा तत्व को जीवित रखने … Read more

श्राद्ध तर्पण संस्कृति

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* पितृ पक्ष विशेष…. अजर-अमर होती हैं सदा आत्माएं,संस्कृति हमारी भारत की समझाएउनका पूजन-दान है हमारे संस्कार,ग्रंथ पुरखों की पूजन विधि बताए। अश्विन प्रथम पक्ष का दिवस आएगंगा नदी या घर,पूजन तर्पण होयेहृदय से करें उन्हें हम सादर नमन,अंजुरी जल-तिल ले पानी पिलाएं। जिनके कारण हम धरा पे आए,उन्हें हम सब … Read more

गौ माता को गोद लें

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** पितृ पक्ष विशेष……. पितृ दिवस चल रहे हैं,तो करो एक नेक कामगोद ले लो एक गौ माता को,लेकर अपने पूर्वजों का नामऔर दे दो उस एक अभय दान,सफल हो जाएंगे ये पितृ दिवसऔर तभी मिलेगी उनकी,आत्मा को सदा के लिए शांति। बनकर गौ माता के रक्षक,बचाओ कसाईयों से इन्हेंलेकर एक गाय को … Read more

पिछले पन्ने

ज्ञानवती सक्सैना ‘ज्ञान’जयपुर (राजस्थान) ******************************************** पितृ पक्ष विशेष…. सब कहते हैंवो चले गए,वो मिलते मुझे अकेले मेंजो चिपके मन के कोनों मेंवो रहते पिछले पन्नों में,हर मोड़ पर मुझकोउनकी याद सताती है,जो चले गए। पिछले पन्ने खुल जाते हैंपाई हर आहट से,वो वाकिफ़ मेरी आदत सेजो भी हूँ,उनके खातिर हूँ,क्या उनने ना जुटायाउम्र सारी प्यार … Read more

मानो सब मिल आभार

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** चौपाई आधारित…. वंदनीय अनुपम अलौकिक,भारती पर्यावरण सार।जीते पूत मान पिता देमृत्युपरांत करे उद्धार॥ तीन ऋण सभी पर होतेदेव,पितृ और ऋषि महान।श्राद्ध पक्ष पितर को अपनेआदर कर सद्गति प्रदान॥ देव प्रसन्न यज्ञ भाग सेऋषि प्रसन्न सद्गुण सत्कर्म।पितृ श्रद्धा श्राद्ध करे सेमूल वाक्य सनातन धर्म॥ पूर्वज के शुभ आशीष सेफूले-फले हम होते दीप्त।कर्तव्य यही अनुग्रहित … Read more

पितृपक्ष में देवता आते

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** पितृ पक्ष विशेष….. पितृपक्ष में वो देवता आते,जिन्दगी ये हमें जो दे जाते।मान उनका करे सदा जीवन,जिन्दगी में न दु:ख कभी आते। भाद्रपक्ष पूर्णिमा के दिन से ही,कृष्णपक्ष की अमावस्या के दिन तक,दिन ये सोलह कहाते पितरों के,सुख बनें जिन्दगी में सब आते।जिन्दगी जल-हवा-सी हो निर्मल,स्वर्ग सुख सब जमीं … Read more