डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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मातृ-शक्ति का हो सम्मान…भारत-भारती के देश में,
यह जरुरी है देश हित में,
नारी का कभी न हो अपमान।
यह समृद्धि के हर पल का,
एक सूचक है
ऐश्वर्य का प्रतीक है,
और ऐश्वर्य का एक प्रतीक है।
सहनशीलता की इसकी,
एक पहचान है
लाख तकलीफ़ में भी,
मातृ-शक्ति रखतीं सुरक्षित,
अपनी पहचान है।
परिवार संग प्रेम से,
नारी शक्ति का मान है
नारी जीवन का यह,
एक उन्नत अभिमान है।
मातृ-शक्ति है यहां,
जीवन की एक अनन्त
खुशियां बांटने का है,
जैसे एक दर्पण और स्वतन्त्र।
जग-जग में मातृ-शक्ति का है,
दिखता है एक आकर्षण
घर की ज्योति है यह नारी,
इसके बिना सब सूना-सूना-सा है,
लगता है जैसे खुशी का है,
यहां शून्य प्रदर्शन।
जहां मातृ-शक्ति का,
होता है पूर्ण सम्मान
लक्ष्मी और सरस्वती का,
खूब मिलता है वरदान।
मातृ-शक्ति है सदा,
जीवन की एक उमंग
हर पल दिखती है,
जैसे यह एक सुलभ प्रसंग।
जन-जन में प्रकाशित,
होती रही है यह नारी।
हम-सब दिल से शुक्रिया,
अदा करते हुए यहां,
सदा रहते हैं आभारी॥
परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।