अब छोड़ निराशा

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचना शिल्प-१४ मात्रा ३ चौकल + २... हताश निराश बैठा क्यों,कंटक कटेगा धीर' न खो'जीवन प्रसून खिलने दो,किसलय सुगंधि मिलने दो! बहार आने वाली है,छँटती बदली काली है,हँसते…

Comments Off on अब छोड़ निराशा

सपनों की राजकुमारी

वर्षा तिवारीमुम्बई(महाराष्ट्र)*************************************** एक लड़की को मैंने अभी-अभी देखा है,ना जाने क्यों दिल में कुछ-कुछ हुआ है। मेरे पास से वह गुजरी है,दिल में अजब-सी हलचल हुई हैरोज सपनों में मिलती…

Comments Off on सपनों की राजकुमारी

कर्तव्य

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** कर्तव्य पथ पर चल पड़ा जो,आँधियों से कब डरा है।पथ में असीमित शैल होंगे,उर सदा माधव भरा है॥ मधु हास भरकर बाँह अपनी,मंजिलें नित खोलती हैं।शूलों हटो…

Comments Off on कर्तव्य

अक्षय फलदायक पर्व है आखा तीज

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बसंत ऋतु का समापन होकर ग्रीष्म ऋतु प्रारम्भ होती है और इसी दिन को सनातनी अक्षय तृतीया…

Comments Off on अक्षय फलदायक पर्व है आखा तीज

बाजीगर

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* बैठी हूँ आसमाँ तले सामने लहरों के बाजार हैं,उन्मादित लहरों के दिखते अच्छे नहीं आसार हैं। उफनती लहरों से कह दो राह मेरी छोड़ दे,बैठी हूँ चट्टान बन…

Comments Off on बाजीगर

साहित्य के शलाका पुरुष डॉ. प्रभाकर माचवे

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ परम्परागत कविता से आगे नए विषय,नई भाषा,नए भावबोध और अभिव्यक्तियों के साथ ही प्रयोगवाद के बाद हिंदी कविता में 'नयी कविता' की शुरुआत हुई। इसमें नए…

Comments Off on साहित्य के शलाका पुरुष डॉ. प्रभाकर माचवे

झूठ के मुँह लगता ताला

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* झूठ कुछ समय का बस एक छलावा है,फिर हो जाता झूठ का मुँह काला है।सच की हार होगी यह है एक भुलावा बस-विधि विधान कि झूठ के…

Comments Off on झूठ के मुँह लगता ताला

हार मत मान

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  ***************************************** आत्म समर्पण हार को,करो न है यह पाप…दृढ़ संकल्प लिए चलो,होगा जीत मिलाप। असफलता से हार कर,जो न कभी घबराय…आ जाता उस पुरुष के,पास सफलता धाय।…

Comments Off on हार मत मान

रेशम-सा मन

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* रेशम-सा मन,एहसासों में मगन मखमली छुअन,महकाए तन।ख़्वाबों का गगन,विचरता मन दूर तलक जाते,अभिलाषी नयन।दिवा स्वप्न,मिले न अमन आशाओं का दीपक,तुम्हें पाने की ललक।रात्रि स्वप्न,नव-जीवन सृजन लबों का कम्पन,थमे न…

Comments Off on रेशम-सा मन

परेशानी,सुनो सारे जहां में है

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* गरीबी भूख वीरानी सुनो सारे जहां में है।अमीरों की कद्रदानी सुनो सारे जहां में है। कहीं थोड़ा कहीं ज्यादा कहीं पूरा कहीं आधा,दुखी की आँख में…

Comments Off on परेशानी,सुनो सारे जहां में है