सुलगे प्रीत उमंग

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** श्रंगार रस…. तन भीगा बरसात में,सुलगे प्रीत उमंग।सजनी तेरी चाह में,हिय में उठे तरंग॥ शीतल पुरवाई चले,रिमझिम गिरे फुहार।याद बहुत आई प्रिये,पायल की झनकार॥ ठिठुरन-सी है देह में,छन्द नहीं कुछ गेय।जो तुम होती पास में,गर्म पिलाती पेय॥ भरती मन में ऊष्णता,पा कर तेरा दर्श।रोम-रोम खिलते प्रिये,दैहिक मिलता स्पर्श॥ सुखद बात करते प्रिये,हँसते खिलती … Read more

धन्यवाद ज्ञापन पितर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *************************************** पितृ पक्ष विशेष….. पावन मंगल भोर यह,पितृपक्ष जलदान।तर्पण अर्पण पितर का,पुण्य अर्घ्य दें मान॥ पितरों को श्रद्धा प्रकट,तील कुश फलदान।पाऍं आशीर्वाद को,देकर कुल सम्मान॥ पितरों को करने मुदित,तर्पण करें प्रणाम।पिण्ड श्राद्ध करते तनय,पितृपक्ष अविराम॥ शास्त्रों में महिमा विदित,तर्पण पितृ महत्व।पितर स्वयं आते धरा,दे आशीष ममत्व॥ काश तील जौ द्रव्य … Read more

आँख में पानी नहीं

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* मुखौटे का कोई सानी नहीं है।सही औकात पहचानी नहीं है। जुबां पर राम के गाने बसे थे,उसी की आँख में पानी नहीं है। खरी-खोटी हमारी क्यों सुनेगा,जवानी लौटकर आनी नहीं है। निगाहों में न देखी शर्म मैंने,जरा सी सिकन पेशानी नहीं है। जमाने से भला वो भी डरे क्यों,किसी ने इश्क … Read more

दर्द

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** कैसा दर्द उभरता है मन में,सुख मिलता कहां जीवन में। बेबस है कोई लाचार बड़ा,है कोई दर्द के मोड़ खड़ा। जीवन के दस्तूर समझना,हर रस्म की नींव परखना। कदम-कदम पर झेले दिक्कत,आँखों में बसती सुख चाहत। गृह क्लेश भूख और प्यासा,पूर्ण होती नहीं चाही दिलासा। सोच बड़ी दिक्कत तन … Read more

‘नोटा’ के विकल्प की जरूरत

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ***********************************  विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बहुत दिनों से ‘नोटा'(इनमें से कोई नहीं) की सुविधा पर काफी बहस चल रही है़,पर चुनाव आयोग ने यह प्रावधान रखा होता कि यदि किसी चुनाव क्षेत्र में ५० हजार या १ लाख लोगों ने नोटा दबाया तो वहाँ दुबारा चुनाव कराए जाएंगे। तब तो नोटा दबाया … Read more

कांग्रेस और भाजपा की एकरूपता

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* पंजाब,गुजरात,उत्तराखंड और कर्नाटक में जिस तरह मुख्यमंत्री बदले गए हैं,क्या इस प्रक्रिया के पीछे छिपे गहरे अर्थ को हम समझ पा रहे हैं ? किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए यह काफी चिंता का विषय है। इन चारों राज्यों में पिछले दिनों जिस तरह से मुख्यमंत्रियों को बदला गया है,उस तरीके में … Read more

पुण्य पथ पर चलें

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* कर्म ऐसा आप करते नित चलें।पुण्य पथ का भाव अंतर नित ढलें॥ बोलिए शुभ बोल भाषा नेक हो,हम मनुज के भाव निर्मल एक हो।द्वेष छल को त्यागकर समता पले-कर्म ऐसा आप करते नित चलें…॥ सत्य पथ की राह पर चल सर्वदा,काम आता सत्य का पथ ही सदा।बैर टूटे दूर होवे फासले-कर्म … Read more

जीवन है़ आलोकित तुमसे

उमा विश्वकर्माकानपुर (उत्तर प्रदेश)**************************************** अरुण तुम्हारे प्रकृति चरण को,नितप्रति चूमा करती है,युगों-युगों से सतत अनवरत,पृथ्वी घूमा करती है। भांति-भांति के जीव जगत में,भिन्न भिन्न हैं प्राणी,जीवन है आलोकित तुमसे,मिली चराचर को वाणीसबको अपने अंक समेटे,प्रतिपल ऊर्जा भरती है,अरुण तुम्हारे प्रकृति चरण को,नितप्रति चूमा करती है। सतत सदा निर्बाध निरन्तर,नदियाँ इसमें बहती हैं,मुझसे लेकर मुझमें आना,बादल … Read more

द्रोपदी पूछ रही है…

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** अन्याय होता देखकर जो बोलते नहीं,जुल्म होता देखकर मुँह खोलते नहींद्रोपदी ये पूछती है चीख-चीख आज,मौन क्यों थे जब सभा में लुट रही थी लाज ? जिस सभा में होता हो ऐसा जघन्य पाप,द्रौपदी देती है उन सभी को आज श्रापहक नहीं है जीने का…ऐसे समाज को,धिक्कार है धिक्कार है ऐसे समाज … Read more

धड़कन होती तेज

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*********************************** मन मेरा माने नहीं,कैसे रखूँ सहेज।जब-जब आती याद है,धड़कन होती तेज॥धड़कन होती तेज,करूँ क्या तुम बतलाओ।मेरे प्यारे दोस्त,तुम्हीं अब तो समझाओ॥कहे विनायक राज,आसरा अब है तेरा।मिले उसी का प्यार,चाहता है मन मेरा॥