ज्ञान का प्रभात ‘पुस्तक’

प्रत्यूषा जैनइन्दौर (मध्यप्रदेश)*********************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… पुस्तकें करें ज्ञान प्रदान,करो सदा इनका सम्मान। अक्षरों द्वारा कहे अपनी बात,अंधेरे से करें ज्ञान का प्रभात। वे है माँ शारदा का…

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दोस्ताना

विद्या होवालनवी मुंबई(महाराष्ट्र )****************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… ये दोस्ताना हमारा कुछ अलग अंदाज से भरा है,हमसे न कभी रूठान कभी तेरा-मेरा साथ छूटा है।इस अंदाज ने आज भी…

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पुस्तक अपनी मित्र

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*************************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… पुस्तक अपनी मित्र है,रखना इसे सम्हाल।साथ निभाती है यही,हर युग औ हर काल॥ शब्दों का भण्डार है,यही खजाना ज्ञान।जो भी…

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पुस्तक:सच्ची साथी

सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************* विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… पाना जो चाहो साथ सुहाना,पुस्तक को तुम मीत बनानापाना जो चाहो साथ सुहाना,पुस्तक को तुम मीत बनाना…। जब-जब तुमको दुनिया छलेगी,पुस्तक तेरा…

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एक न‌ई आशा

अनूप कुमार श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष...... फेसबुक,वाट्सअप,ट्विटर,इंस्टाग्रामसभी तो आए हैं,पुस्तकों के मंचों परअपना-अपना समय,और व्यस्तता काट कर। पुस्तकें,पुस्तकों से,भाषाएं भाषाओं सेविमर्श कर रहीं हैं,पुस्तकों की स्टॉलों पर।…

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जीवन एक पतंग

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** जीवन एक पतंग समान,डोरी टूटी,गया आसमान। चलते जीवन की मर्यादा,मन में बसता लाख इरादा। कितने जीते अरमानों में,लुटते कितने अनजाने में। मौसम भी है…

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एक स्वेटर

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)**************************************** सुनो तुमकोरोना की इस आँधी में,जहाँ मौसम का नहीं ठिकाना।कभी आँसूओं की बारिश है,कभी अपनों से बिछोह की तपिश।कभी स्वांसों की शिथिलता,और ठिठुरनअनिश्चित है अब ज़िन्दगी का…

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आशा की बगिया

डॉ.शैल चन्द्राधमतरी(छत्तीसगढ़)**************************************** घर-घर देखो ये कैसी है बीमारी,हर तरफ मची है देखो महामारी। साँसों में हो रही रुकावट भारी,आक्सीजन की हो रही मारामारी। दवाओं की हो रही है कालाबाजारी,बुखार-खांसी हर…

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मिलन ही जीवन

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* जिन्दगी की तस्वीर में हमको ही रंग भरना है,अपनी तकदीर से भी हमको जंग करना है।मुक़द्दर की कलम हाथ हमारे है अपने ही-जीवन में हमें अपने ही…

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मानवता लिये वो राम है

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** हरदम जमाना धन-ए-दौलत का रहा गुलाम है,ठुकराए ताजो तख्त मानवता लिये वो राम है। जी जानवर भी पेट खातिर ले मगर तो क्या हुआ,जिसने जिया औरों लिये होता…

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