जा भुला दिया तुझको

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) **************************************************** जा भुला दिया तुझको भी, इक अधूरे अरमान की तरह। तू मेरी जिन्दगी में आई महज, एक काले ख्वाब की तरह। एक आँधी की…

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बस,थोड़ी-सी इंसानियत जिंदा तुम कर लो

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** किसी को क्या दोष दें हम, जब अपना सिक्का ही खोटा। दिलासा बहुत देते हैं, स्वार्थी इंसान दुनिया के। समझ पाता नहीं कोई, उस मूल जड़…

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भीगी पलकें

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** (रचनाशिल्प-१६/१६) भीगी पलकें सुना रही है, एक अनकही मौन कहानी। आँखों में शबनम की बूँदें, लगती प्यारी देख सुहानीll सपनों का अम्बार लगा…

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`आत्मनिर्भर भारत` के सपने और चुनौतियां

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने `कोरोना` प्रकोप से त्रस्त,आर्थिक नजरिए से ध्वस्त और अंतर्मन से जले-भुने भारतवासियों के लिए २० लाख करोड़ रुपए के जिस…

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जो कह दे मेरा दोस्त…

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’  गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश) ******************************************************************* आज भी सोच कर आती है अनभिप्रेत मुस्कान, जब यार की यारी से बढ़कर नहीं था कुछ महान। सही-गलत का भेद नहीं था,सोच की…

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आत्मनिर्भर हम बनें

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** अपने को अपना कहें,स्वीकारें भी अन्य। अच्छाई जिसमें दिखे,बनाये उसे अनन्य॥ आत्मनिर्भर हम बनें,चलें देश के साथ। उत्पादक जो देश का,स्वीकारें बढ़ हाथ॥…

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जियो बनकर मिसाल

कविता जयेश पनोत ठाणे(महाराष्ट्र) ********************************************************** जग में जियो बनकर मिसाल, की दुनिया तुम्हे याद करे तुम रहो न रहो इस जहाँ में, तुम्हारे आदर्शो की बुनियाद रहे। करो न कोई…

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मजदूर

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’ भंगवा(उत्तरप्रदेश) **************************************************************** सर पे गठरी, कांधे पे बोझा बिन रोज़े का रोज़ा, साथ में बाल बच्चे उम्र में कच्चे, खाने के लाले जुबान पे ताले, सड़क पे…

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काँटे की रवानगी

मीरा जैन उज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** "क्यों री रमिया! आज बहुत खुश नजर आ रही है शायद 'तालाबंदी' के चलते ४० दिन की छुट्टियां तूने घर में बड़े आराम से गुजारी है…

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एक दोस्ती कृष्ण-सुदामा की

उषा शर्मा ‘मन’ जयपुर (राजस्थान) **************************************************** कृष्ण-सुदामा की दोस्ती,अब इस जगत् में ना रही, दोस्ती तो दूर,अब यहां इंसानियत तक ना बची। पूछा सुदामा ने कृष्ण से,दोस्ती का असली मतलब,…

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