हौंसला मत छोड़ना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** जिंदादिल लोगों ने कैसे जीना है सिखला दिया,हौंसले वालों ने दुश्मन पर कहर बरपा दिया। गल गए थे पैर फिर भी हार वो मानी नहीं,चढ़ गई वो हिमशिखर उसका कोई सानी नहीं।ले तिरंगा हाथ में चोटी पे जा फहरा दिया,हौंसला अपना ये नारी शक्ति ने दिखला दिया॥ काट कर पर्वत बना … Read more

२०० घंटे से भी ज्यादा के विश्व कीर्तिमान कवि सम्मेलन

कोटा (राजस्थान)। २०० घंटे से भी ज्यादा के विश्व कीर्तिमान कवि सम्मेलन में कोटा से कवि चौपाल के अध्यक्ष कपिल खंडेलवाल ‘कलश’ ने भी भाग लिया और संचालन भी किया। ‘कलश’ ने कान्हा, देशभक्ति,जनजागृति से ओत-प्रोत मुक्तक व क्षणिकाएं प्रस्तुत कर खूब वाह-वाही बटोरी। यह सम्मेलन ११ जुलाई से १९ जुलाई तक लगातार चला। संस्था … Read more

आधे तुम-आधे हम

आदर्श पाण्डेयमुम्बई (महाराष्ट्र)******************************** कभी हम बनें,कभी तुम बनो,आधे हम बनें,आधे तुम बनो। तारे हम बनें,आसमां तुम बनो,रात हम बनें,दिन तुम बनो।कृष्ण हम बनें,राधा तुम बनो,दूल्हा हम बनें,दुल्हन तुम बनो। कभी हम बनें,कभी तुम बनो,आधे हम बनें,आधे तुम बनो…॥ सत्य हम बनें,सच्चाई तुम बनो,आधे हम बनें,आधे तुम बनो।धागा हम बनें,सुई तुम बनो,कुछ सपने हम बुनें,कुछ तुम … Read more

आज का इंसान

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* कलुषित करता मानवता को,बन रहा हैवान।मध्य पाप के घिरता जाता,आज का इंसान॥ लोभ मोह का लालच रखकर,भूलता सब कर्म,बना रहा वर्चस्व झूठ पर,त्यागता सब धर्म।भाई का दुश्मन भाई है,व्यर्थ करता शान,कलुषित करता मानवता को,बन रहा हैवान…॥ सत्य पथ का त्याग है करते,कपट छल से वार,दीन-दुखी की दुखित व्यथा पर,घात बारंबार।वर्तमान कलुषित … Read more

कोरोना’ काल में रची ३ पुस्तकें

हिसार (हरियाणा)। डॉ. सत्यवान सौरभ व प्रियंका सौरभ किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। ‘कोरोना’ काल की कैद ने उन्हें लेखन के लिए प्रेरित किया, जिसमें पत्नी प्रियंका तथा परिजनाें का बहुमुखी योगदान रहा। दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’,व्यंग्य ‘आंध्या की माख़ी राम उड़ावै’ और निबंध ‘नए पंख’ डॉ. सौरभ एवं प्रियंका सौरभ की कोरोना … Read more

कहाँ खो गए वो दिन…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* अब कहाँ बची वो धींगामस्ती,दुःख महंगा था खुशियाँ सस्ती। कहाँ खो गए खेल के वो दिन,खेल बिना जीना नामुमकिन। कंचे पिट्टू गुल्ली-डंडा पतंग,हो जाता सारा मुहल्ला तंग। दोस्तों के संग जमती महफ़िल,घर में पलभर लगता न दिल। जब आती थी पहली जुलाई,बन्द हो जाती सारी घुमाई। वो कॉपी-किताबों की तैयारी,बस्ता … Read more

हम पढ़ेंगे

जबरा राम कंडाराजालौर (राजस्थान)**************************** आगे बढ़ेंगे हम पढ़ेंगे,पढ़ने का जमाना है,पढ़े-लिखे की कद्र बने है,ये मन में ठाना है। शिक्षा से संभव सब-कुछ,अनपढ़ मन पछताता है,पढ़ सके ना समझ सके,मन ही मन आकुलता है। हिसाब-किताब की दिक्कत,वो समझ ना पाता है,अंगुलियों पे लेखा-जोखा,आगे कुछ ना आता है। पढ़े-लिखे बिन नहीं नौकरी,रोड़ा कदम-कदम है,पढ़ा-लिखा पाता पद … Read more

संघर्षमय मेरा विद्यार्थी जीवन

डॉ.पूर्णिमा मंडलोईइंदौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************** मेरा विद्यार्थी जीवन स्पर्धा विशेष …….. विद्यार्थी जीवन जितना मस्ती भरा और बेफिक्री का होता हैैैै,वहीं कभी-कभी संघर्ष से भरा हुआ भी होता है। बचपन से लेकर युवावस्था तक निरन्तर चलता रहता है। बल्कि,कहूंगी जीवन पर्यंत चलने वाला होता है विद्यार्थी जीवन। जो विद्यार्थी संघर्ष करता है,वह निश्चित ही अपने लक्ष्य को … Read more

आन,मान,शान थे गोपाल जी

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** जन्म,मरण सब देश के लिए ही रहा,भारती की आन,मान,शान थे गोपाल जी।श्रेष्ठ कवि,गीतकार,ज्योतिष के साधक थे,साथ-साथ नेक इंसान थे गोपाल जी॥देश में विदेश में भी,वाणी और लेखनी से,राष्ट्र भाषा के ही प्रतिमान थे गोपाल जी।सारी दुनिया के सारे दिलों मे करेंगे राज,वास्तव में इतने महान थे गोपाल जी॥ परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और … Read more

वेणी

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************* नारी वेणी साजती,सुन्दर यह श्रृंगार।ममता की मूरत भली,देखें सब संसार॥देखें सब संसार,त्रिवेणी जैसी संगम।नारी शोभित केश,सुहानी लगती हरदम॥कहे ‘विनायक राज’,बने राधा-सी प्यारी।गूँथे वेणी रोज,दिखे सुंदरता नारी॥