प्रीत वाला रंग
डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… कान्हा लिए अबीर हैं डोलें,गोप गोपियन लिए जी संग।उत राधे चुपके से राह निहारें,झोली में लिए प्रीत वाला रंग। मस्ती छाई लिए…
डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… कान्हा लिए अबीर हैं डोलें,गोप गोपियन लिए जी संग।उत राधे चुपके से राह निहारें,झोली में लिए प्रीत वाला रंग। मस्ती छाई लिए…
गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… सतुयग से कलयुग यानि आज तक वसंत ऋतु में सभी सनातन धर्मावलम्बी,बच्चे-बूढ़े,सब संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक- झाँझ-मंजीरों की धुन…
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… शीत ऋतु के बाद,जब प्रकृति अंगड़ाई लेती है,तो बसंत के बहार के साथ,प्रकृति के सुंदर उद्गार के संग जन-जन…
मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… नौकर बुधिया को है भाता,होली का त्यौहार…ऊँच-नीच की इसमें कोई,होती नहीं दीवार…। कम से कम पैसों में बिकता,रंग और गुलाल…नीला-पीला जैसा ले…
उपासना सियागफिरोजपुर(पंजाब)************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… त्यौहार का दूसरा नाम होता है खुशियां। कोई भी त्यौहार हो,जैसे-जैसे नज़दीक आने लगता है, मन में अपने-आप ही उल्लास का समावेश…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************** होली आयी है आयी है होली आयी है,सब खुशियों रंगों की थाल सजायी है।शान्ति प्रेम सौहार्द्र आपसी भेंट सजाकर लायी है,अपनापन मानवता का संदेश…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************ फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… होली के त्यौहार में,देखो बिखरे रंग।जगह-जगह पर धूम है,गले मिले हैं संग॥ नीली-पीली लालिमा,रंगों की बरसात।जमीं आसमां लाल है,दिल…
डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… कैसी होली…कैसा रंग…कैसा गुलाल…सरहद पर रंग गया…अपने ही लहू से किसी का लाल। ज़मीन-आसमान को…रंगों से रंगने की,नाकाम कोशिश…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* आओ प्यारा-सा वादा कर लें,सुख दुःख आधा-आधा कर लेंसाँस मेरी हों प्राण तुम्हारे हों,एक रिश्ता सीधा-साधा कर लें।आओ प्यारा-सा वादा कर लें… नहीं भरोसा क्षणिक…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** बीत गया है बीस का कहर,भरने लगी गली-गली शहर।भूल गए सावधानी की डगर,गया नहीं है कोरोना का कहर। आते-जाते लोगों के संग,देखा गया कोरोना का…