‘वेदने तू धन्य है री!’ दर्द का दरिया

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’जयपुर(राजस्थान)*************************************** आधुनिक मीरा महीयसी महादेवी वर्मा को समर्पित यह गीतांजलि विरह गीतों का नायाब नमूना है। यह पुस्तक ६२ गीतों को समेटे हुए है। वेदना को संबोधित…

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हमारी दुनिया अलग

विद्या होवालनवी मुंबई(महाराष्ट्र )****************************** हमारी दुनिया की अलग कहानी है,औरों ने इसे न जानी है। इसमें मेरी ही खूब चली,हरपल उसकी बातों में ढली। प्यार वाली हवा चली,यादों के एहसासों…

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उसकी है सबको जरूरत

रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)********************************************** नारी है प्रेम की मूरत,लगती है खूबसूरतभाती है उसकी सूरत,उसकी है सबको जरूरत। माँ है ममता की मूरत,बहन की प्यारी-सी सूरतपत्नी भी खूबसूरत,उसकी है सबको जरूरत। नहीं है…

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सृजन की अद्भुत माया

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** सृष्टि सृजन किया ईश्वर ने,कैसी अद्भुत माया है,जल में थल अरु थल में जल माया संसार रचाया है। पर्वत श्रृँग कहीं रच डाले,नदियाँ जंगल अरु झरने,सबसे…

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शहर से अच्छा अपना गाँव

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ***************************************** भारत गाँवों का देश है। गाँव को स्वर्ग सम माना जाता है। शान्त,सुखद,मनोहर खेत,खलिहान,कूप- नदी,पोखर,वन-पादप,कच्ची एकपथिया केदारी पथ,मन्द-मन्द सतत् प्रवाहित शीतल पवन,हरियाली फसलों भरी…

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चलें गाँव की ओर…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ याद आ रही चौपालों की,फूल भरे पेड़ों डालों कीगोरी के प्यारे पनघट की,यौवन के मधुर जमघट कीगोधूलि की सुंदर बेला की,टीलों पर सजते मेला कीहरिया…

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फ़र्ज निभाओ

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ मर मिटे माँ-बाप फ़र्ज़ पर अपने,बेटा करे पूरे सिर्फ़ बीवी के सपने।ये कैसी दुनियादारी इस जहान में,ब्याहते बेटी माँ-बाप माला जपने॥ माता-पिता करे वो फ़र्ज़ कहाता है,बेटा ख़र्च…

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समय चक्र

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** भाग रहा गति से अपनी ही,सुनता कब है बातें यह मेरी।नचा रहा जग को सारे यह,लगती जगती इसकी चेरी। दौड़ लगाती संग में इसके,फिर भी आगे बढ़ जाता…

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इंतजार…

मंजू भारद्वाजहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************* ख़ामोश अधरों की कहानीआँखें बयां करती रही,दर्दे जिगर का इंतहानीर छलकाती रही। हर बूंद पर दस्तकदे रहा था एक शख्स,भूल कर सारा जहां मैंलिपट गई देख उसका अश्क।…

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पापा की बेटी

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* कल की सी बात,मेरे अंगनाउतरी थी,जब आसमाँ सेएक नन्हीं-सी परी।चाँद से उजलामुखड़ा उसका,किरणों-सी मुस्कान,मेरी प्यारीबिटिया रानी,थी पापा की जान।आँखों में,छलकता उसकेनिश्छल पावन प्यार,जीवन में वोमेरे लाई,खुशियों का…

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