माँ का ध्यान धरो मन में

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** माँ का ध्यान धरो मन में, भवसागर पार उतारे हैं। सब कष्ट हरो माँ संतन के, अब आज शरण में आए हैं। घर के सब…

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‘कोरोना’ भगाएंगे

गुलाबचंद एन.पटेल गांधीनगर(गुजरात) ************************************************************************ नहीं सोचा था ऎसा समय भी आएगा, प्रधानमंत्री जनता कर्फ्यू लाएंगे। 'कोरोना' भगाएंगे... मीडिया के माध्यम से देश को जगाएंगे, भारत देश की सारी आबादी बचाएंगे।…

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दहशत में सारा शहर आ गया

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* देश में ये कैसा कहर आ गया, दहशत में सारा शहर आ गया। किसी के पास कोई जाता नहीं, लगे आग तो भी बुझाता नहीं।…

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बदला

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बदला- बदला लिया कलिंग ने,किया मगध का ह्रास! दोनो तरफ विनाश बस,पढ़िए जन इतिहास! पढ़िये जन इतिहास,सत्य जो सीख सिखाए! भूत भावि संबंध,शोध नव पंथ दिखाए!…

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जय श्रीराम

राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ टीकमगढ़(मध्यप्रदेश)  ********************************************************************* बिगड़े काम, सब बन जाते हैं- जय श्री राम। सुबह-शाम, शत्-शत् प्रणाम- जय श्री राम। करिए ध्यान, जीवन हो आसान- जय श्री राम। पूजे…

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‘कोरोना’:संकट जाते-जाते मानव जाति को कई सबक

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** 'कोरोना' का यह संकट जाते-जाते मानव जाति को कई सबक देकर जाएगा। यह मनुष्य को नए तरीके से जीना सिखा कर जाएगा। यह मनुष्य…

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आराधना

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** माँ की छाँव में, ममता के ममत्व से दिल को छू लेने वाली तू, करो आराधना माता की। जहाँ मिले आत्मा को, शान्ति स्वभाव में शरण…

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घातक ‘कोरोना’:सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** चीन की वुहान-भूमि से उपजा 'नॉवेल कोरोना' विषाणु आज दुनिया के लिए मृत्यु का पर्याय बन गया है। वुहान शहर मृतप्राय पड़ा है। स्पेन,इटली और…

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जान है तो जहान है

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** नहीं लग रहा है मन, अब अपने ही घर में। इतने दिन गुजारे हैं तो, और भी निकल जाएंगे॥ जो नहीं रहते थे घरों में, अपने-अपने…

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भय बिनु होइ न प्रीति

नवेन्दु उन्मेष राँची (झारखंड) ********************************************************************* हमारे देश में पिटाई और पिटाई शास्त्र का बड़ा महत्व है। घर में अगर बच्चे उधम मचाते हों तो माता-पिता दो तमाचा बच्चों पर जड़…

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