घोंसले

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** पर्यावरण दिवस विशेष….. नमिता खिड़की में बहुत देर से उदास खड़ी हुई थी। आज के बाद अब सुबह का चिड़ियाओं का चहकना,कबूतरों की गुटरगूं और काम वाली काकी की झुंझलाहट-अरे कितनी भी सफाई करूं,ये चिड़िया और कबूतर कितनी गन्दगी करते हैं। अब सब पेड़ और हरियाली चली जाएगी। कल से यहाँ दीवार … Read more

मानव जीवन न व्यर्थ गंवाना साथी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** मानव जीवन आज मिला है,इसे न व्यर्थ गंवाना साथी।जीवन दीप कर्म है बाती,उजियारा बिखराना साथी॥ जीवन पाकर भूल न जाना,करना प्यार सभी अपनों कोपूर्ण हमेशा करना तुमको,सबके मन चाहे सपनों को।महत्वपूर्ण है कर्म यही,अपना धर्म निभाना साथी॥जीवन दीप कर्म… आयेंगी बाधायें कितनी,लेकिन टूट नहीं तुम जानातोड़ मुश्किलों की जंजीरें,जीवन पथ पर … Read more

मानवता के दुश्मन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** कुछ आग लगा देश यहाँ फूँक रहे हैं,भ्रम खेल रहे,रोज खड़े भौंक रहे हैं। वे मानवता के बन दुश्मन दर्द बेचे,सेवा कर इंसान कई जूझ रहे हैं। सच गठ्ठर बंधा नाले पड़ा रोय कहीं पर,इतरा कर बन काबिल चल झूठ रहे हैं। गंगा में दिखे लाश कहीं लाश में गंगा,जो सोच वही बोल … Read more

मित्रता-एक आत्मीय सम्बन्ध

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** संसार में एक ही रिश्ता ऐसा होता है,जिसका चयन व्यक्ति खुद करता है,बाकी सब रिश्ते तो पहले से ही निश्चित होते हैं। माँ,पिता,भाई,बहन,चाचा,मामा… सब रिश्ते जन्म के साथ ही निर्धारित होते हैं,बस मित्रता ही एक ऐसा इकलौता रिश्ता है जिसका चयन व्यक्ति खुद मर्जी से कर सकता है,मतलब यह जबरदस्ती … Read more

‘मेरे पिताजी की साईकिल’ पर सुरेन्द्र सिंह राजपूत और आशा गुप्ता प्रथम विजेता

स्पर्धा में दूजा स्थान मिला श्रीमती चाँदनी अग्रवाल और ममता तिवारी को इंदौर(मप्र)। कोपलों को प्रोत्साहन,हिंदी लेखन को बढ़ावा और मातृभाषा हिंदी के सम्मान की दिशा में हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार के प्रयास सतत जारी हैं। इस क्रम में ‘मेरे पिताजी की साईकिल’ (अंतरराष्ट्रीय साईकिल दिवस) विषय पर स्पर्धा कराई गई। इसमें प्रथम विजेता सुरेन्द्र … Read more

पर्यावरण पर कराई राष्ट्रीय काव्य संगोष्ठी

मंडला(मप्र)। अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद कर्नाटक इकाई द्वारा पर्यावरण दिवस पर ऑनलाइन राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी कराई गई। गोष्ठी में परम श्रद्धेय श्री गुरु जी गौतम ऋषि (राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय गुरुकुल एवं गौशाला अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली) का दिव्य सानिध्य प्राप्त हुआ।इसमें गुरुजी ने कहा कि आज समय की यही मांग है कि सब लोग मिलकर … Read more

यादें

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** मेरी आँखों में क्यों तुम,आँसू बनकर आ जाते होऔर अपनी याद मुझे,आँखों से करवाते होमेरे गम को आँसूओं,द्वारा निकलवा देते होऔर खुशी की लहर का,अहसास करवा देते हो। मुझे गम में रहने और,उनमें जीने की आदत हैपर हँसते हुए लोगों को,दुआएँ देना मेरी आदत हैतुम रहो सदा खुशहाल,अपनी नई जिंदगी मेंमैं तुम्हें … Read more

फिर सब गुलज़ार होगा

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* हिम्मत रखना दिन वैसे ही फिर गुलज़ार होंगें,बीमारी से दूर फिर शुभ समाचार होंगें।दौर पतझड़ का आता है बहार आने से पहले-पुराने दिन फिर वैसे ही बरकरार होंगें॥ लौटकर आ जाएंगी खुशियाँ अभी कठिन वक़्त है,यह ‘कोरोना’ ले रहा था परीक्षा सख्त है।समय से लें दवाई और ऊर्जा बढ़ायें अपनी-इस कोरोना के … Read more

मेरी साँझ

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ सांझ,तन्हाई और मैं,यह नीला आसमानरोशनदान पर बैठी गौरैया,आँगन से धीरे-धीरेघाम का खिसकना।उसके जाने के बाद,कुम्हलाई-सी कनेर,कुमुदिनीपीपल के पीछे,छुपता हुआ सूरजहाथ में एक कप चाय।घरौंदे में बजता मद्धम संगीत,ऐसे में जानी-पहचानीतुम्हारी यादें बेशुमार,अक्सर ऐसी ही,होती है मेरी सांझ॥ परिचय-डॉ. वंदना मिश्र का वर्तमान और स्थाई निवास मध्यप्रदेश के साहित्यिक जिले इन्दौर में … Read more

सुख के दिन

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’दिल्ली(भारत)************************************************ ‘सुख के दिन’ तो तब आएँगे जब हम सब सत्कर्म करेंगे,कर्म के साथ-साथ पूजा,दान-पुण्य स्वधर्म समझेंगे। बुरे दिन तब टल जाएँगे सुख के दिन तेरा इंतजार करेंगे,भाग्य भरोसे मत बैठो मानुष सुख-चैन कभी न मिलेंगे। चाहत रखता सुख के दिन की,तो मात-पिता की सेवा कर ले,जन्मदाता को भूल गया सबसे … Read more