‘हार हमें स्वीकार नहीं’ से जगाया श्रोताओं में विश्वास

मंडला(मप्र)। साहित्यिक संस्थान अंतर्राष्ट्रीय शब्द सृजन ने ‘कोरोना’ से पीड़ित मानवता में विश्वास पैदा करने हेतु ‘हार हमें स्वीकार नहीं’ विषय पर काव्य समागम किया। इसमें वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं से सबका हौंसला बढ़ाया।संस्था के संस्थापक डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय ने कविता पाठ करते हुए कहा-‘बातें करते आँख डालकर,करते नहीं कभी मनुहार। जंग जीतने … Read more

मैं लड़की हिन्दुस्तानी

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************** कर दूँ,मैं सत्य कल्पनाएं,मैं आशा कि वो ज्योति हूँ,जग में जिसका न मोल कोई अनमोल सीप की मोती हूँ। द्रौपदी-सी नहीं लाचारी,हर एक पुरुष पर भारी हूँ,कभी ना बुझी चिंगारी जो,वो श्रेष्ठ अलौकिक नारी हूँ। पति प्राणों की,रक्षा जो करे,मैं वही सती सावित्री हूँ,कात्यायनि मैं जीवनदायिनि दुर्गा अम्बे गायित्री हूँ। मैं … Read more

सरगुजा की साहित्यकार अनिता द्वारा नवल छंद का आविष्कार

अंबिकापुर-सरगुजा(छग) | अम्बिकापुर की व्याख्याता और साहित्यकार अनिता मंदिलवार ‘सपना’ ने हिन्दी साहित्य में नए छंद का आविष्कार किया है। गुरूदेव संजय कौशिक ‘विज्ञात’ के मार्गदर्शन में कलम की सुगंध छंदशाला मंच पर पंच परमेश्वर छंद मर्मज्ञों की उपस्थिति में इस ‘सपना सवैया’ छंद को मान्यता दी गई।इस नवल छंद पर ५० से अधिक छंदकारों … Read more

राजनीति का खेल

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* राजनीति के खेल में,पिसते सदा गरीब।वोट माँगकर दीन का,जाते नहीं करीब॥ सत्ता पाना है हमें,एक यही बस लोभ।मरते नित्य गरीब पर,कभी न करते क्षोभ॥ दौलत की भरमार है,फिर भी चूसें खून।खून-खराबा हो रहा,सत्ता बना जुनून॥ जात-पात की आड़ में,लूटें छल से वोट।सत्य कर्म से दूर है,मन में बसता खोट॥ बिना काम … Read more

विनती

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ विनती करती मैं सदा,जोड़ूँ दोनों हाथ।विद्या दो माँ शारदे,चरण झुकाऊँ माथ॥ विनती मेरी आपसे,मुझको दो वरदान।मैं छोटी-सी लेखिका,मिले कलम को मान॥ जय माँ वीणा वादिनी,स्वप्न करो साकार।आयी हूँ मैं द्वार पर,कर दो बेड़ा पार॥ सत्य राह पर मैं चलूँ,सिर पर रखना हाथ।भूल-चूक माफी मिले,रहना मेरे साथ॥ चले कलम मेरी … Read more

कोरोना:तालाबंदी और शराब का ये ‘रिश्ता’…?

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** विशेषज्ञ चाहे जो कहें,सरकार और आम आदमी की नजर में ‘कोरोना’ का ‘इलाज’ दारू ही है! कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में शराब की ऑन लाइन बिक्री की वेबसाइट पहले ही ठप्प हो गई तो भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानें खुलते ही कोरोना नियमों की ऐसी-तैसी करते हुए हजारों बेवड़ों की … Read more

गर्व:५० हजार पत्र-पत्रिकाएँ आज हिंदी में प्रकाशित

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* ३० मई को भारत में ‘हिंदी पत्रकारिता दिवस’ मनाया जाता है। इसी दिन कोलकाता से १८२६ में याने १९५ साल पहले हिंदी का पहला समाचार-पत्र ‘उदंत मार्तण्ड’ प्रकाशित हुआ था। इसके प्रकाशक और संपादक युगलकिशोर शुक्ल थे। वह साप्ताहिक अखबार था। उसकी ५०० प्रतियाँ छपती थीं,लेकिन आज हिंदी के अखबारों की लाखों … Read more

लगाएँ वृक्ष हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************** विश्व पर्यावरण दिवस हुआ विषम पर्यावरण,ग्रस्त रोग समाज।वृक्ष लगाओ मिल पुनः,देश बचाओ आज॥ खुद जीवन का रिपु मनुज,खड़े मौत आगाज।बिन मौसम छायी घटा,वायु प्रदूषित आज॥ भागमभागी जिंदगी,बढ़ते चाहत बोझ।सड़क सिसकती जिंदगी,वाहन बढ़ते रोज॥ चकाचौंध उद्यौगिकी,नभ में फैला धूम।जले पराली खेत में,मौत प्रदूषण चूम॥ चहुँदिक् है फैला तिमिर,भेद मिटा निशि … Read more

आज की दुनिया

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* आज की दुनिया कैसी हो गई,मत पूछो।प्रेम भावना कहाँ खो गई,मत पूछो॥ मानव तो अब रहा न नेहिल,बिखर रहे अरमानप्यार-वफ़ा की रही न क़ीमत,सोया है इंसानसारी ही अब हँसी खो गई,मत पूछो।आज की दुनिया कैसी हो गई,मत पूछो…॥ स्वारथ का बाज़ार गर्म है,बिकता है ईमानलाशों के ठेके होते हैं,करुणा का … Read more

आओ धरती का करें श्रृंगार

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* पर्यावरण दिवस विशेष….. आओ सब मिल पेड़ लगाएं,पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं। आओ धरती का करें श्रृंगार,करें पुन: प्राणवायु का संचार। धरती को हम सब सरसाएं,जगह-जगह पर पेड़ लगाएं। धरनी को जल पूर्ण बनाएं,पर्यावरण में संतुलन बनाएं। जीव-जंतु को स्व मित्र बनाएं,सुखमय सुंदर चरित्र बनाएं। जग को समझें अपना … Read more