अम्मा मुझको भूख लगी है…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* बन्द हुई सारी दुकानें,बन्द हुए सारे बाजारबचा नहीं आटा झोली में,नहीं बची रोटी दो-चार।आँतों में भी आग लगी है,अम्मा मुझको भूख लगी है…॥ दूर-दूर तक छाया वीराना,पानी का भी नहीं ठिकानाचिपक गई जिव्हा तालू से,अश्क रुक गए हैं गालों पे।आँसुओं की झड़ी लगी है,अम्मा मुझको भूख लगी है…॥ राह देखते … Read more