वासन्ती रँग
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** हुई भोर अब देखो प्यारे,पूर्व दिशा लाली छाई, लगे चहकने पक्षी सारे,गौ माता भी रंभाई। कमल ताल में खिले हुए हैं,फूलों ने ली…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** हुई भोर अब देखो प्यारे,पूर्व दिशा लाली छाई, लगे चहकने पक्षी सारे,गौ माता भी रंभाई। कमल ताल में खिले हुए हैं,फूलों ने ली…
डॉ. देविदास प्रभु ************************************************* (विशेष-वे तमाम हिंदी क्षेत्र के लोग,जो अपने स्वार्थों के लिए संविधान की अष्टम अनुसूची के माध्यम से हिंदी को बोलियों में टुकड़े-टुकड़े करने पर आमादा हैं,वे…
सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** लुट जाती हैं बस्ती भाई, जब चोर मिले रखवालों से। बिजली चोरी कैसे करनी, पूछो बिजली वालों से। घर में डाका डालें कैसे, बैंक लुटेगा…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** साजन से सजनी कहे,मिलने को बेताब। मन मेरा लगता नहीं,देखे सुन्दर ख्वाब॥ आया मौसम प्यार का,बिखरे रंग अनेक। साजन प्यारा है लगे,वो लाखों…
नवेन्दु उन्मेष राँची (झारखंड) ********************************************************************* शहर में एक बड़े नेता का आगमन होने वाला था। पुलिस वाले लोगों को सूंघ-सूंघ कर रास्ते में जाने दे रहे थे। चौक-चौराहे पर भीड़…
बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* खतरा बना आज यह भारी,विश्व प्रताड़ित है सारा। देखो कर लो गौर मानवी,मनु विकास इससे हारा। देश-देश में उन्मादी नर,आतंकी बन जाते हैं। धर्म वाद आधार…
डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* मुर्दों की बस्ती में मैं जिंदा हूँ,अभी तक, इंसानियत के,दुश्मनों का काल बनूं,तो कोई बात बने। मज़हब और नफ़रत के बीज डाल खेती,कर…
वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** ऐसी दीवार है दरमियाँ आजकल, वह सुनेगा नहीं सिसकियाँ आजकल। खेलता था कभी साथ मेरे वही, खोलता भी नहीं खिड़कियाँ आजकल। जिसने मुझको सिखाया…
इंदौर(मप्र)। कविता कोष-गद्य कोष के संस्थापक ललित कुमार के सम्मान एवं दिव्यांग विमर्श को समर्पित चार दिवसीय महोत्सव का आखिरी आयोजन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में…
डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’ बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** पर्चे की घड़ी, परीक्षा में रो पड़ी। प्रश्न आए थे बड़े कठिन, नहीं बना पाए सही उत्तर जतिन। भारी लिया मजा, परीक्षा में हुई…