जीवन है अनमोल

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** हमारा जन्म इस जगत में एक विशेष प्रयोजन के तहत हुआ है। इस जगत में हम अपने निर्धारित कार्य को संपादित करने के लिए आते हैं। ये दुनिया एक रंगमंच है,और हम इस रंगमंच के सिर्फ एक पात्र है। अर्थात हमारा जन्म किसी न किसी कार्य को संपादित करने के लिए हुआ है,और … Read more

भूचालों की बुनियादों पर

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* भूचालों की बुनियादों पर,बना रखा है घर।स्वप्न सलोने बुनती हूँ मैं,आशा है सुंदर॥ अनजानों से रिश्तें कहते,सभी पराये हैं,पर अपने निज रिश्ते मानें,काम न आए हैं।पग-पग छल पीछे घूमे है,देख लगे है डर,भूचालों की बुनियादों पर,बना रखा है घर…॥ छलते सारे अपने देखो,पीड़ा है ज्यादा,छुरी चले आभास न होता,कैसा फिर वादा।ठगी … Read more

कदम बढ़ाना ही होगा

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** चाहती हूँ,बहुत दूरचली जाऊँ,आवाज देनेपर भी,लौट न पाऊँ।अब इत्मीनान है,अकेला कोई नहींसब हैं साथ,अब आराम कीदरकार है।चिरनिद्रा,बुलाती है हमेंकदम,बढ़ाना ही होगावादे निभाये कम,टूटते ज्यादा हैं।जीवन,बना न अपनारह गया,कोई सपनादिल और दिमाग,चल पड़े हैंअलग राहों पर।इस अन्तर्द्वन्द्व का,अंजाम क्या होगाईश्वर ही जाने,सब खेल उसी का।हम एक पात्र मात्र,निभाते किरदारअपना,मंच पर यहाँ।जिसकी … Read more

उधार

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’ गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश) *************************************** “ठक ठक”“हाँ कौन ?” ऑफिस के दरवाज़े पर दस्तक सुनकर गुंजन बोली।“हैलो मैम,मैं गौरव, कॉलेज का ही विद्यार्थी हूँ।”“तो ? आपको पता नहीं क्या माहौल है। कॉलेज अभी बंद है आप लोगों के लिए।”“मैम,मेरी बात हुई है प्रोफ़ेसर से,उन्होंने परमिशन दी है। बस लाइब्रेरी में कुछ पढ़ना है। प्रोजेक्ट की … Read more

बचपन

डॉ. जानकी झाकटक(ओडिशा)************************ बचपन की नादानियां,दोस्तों संग बदमाशियांछिप-छिप कर भाई-बहनों संग,घर पर होती शैतानियां।न किसी बात की फिक्र,न किसी बात का गमपलक झपकते सब मिल जाता,दादा-दादी के प्यार से मन खुश रहता।दिनभर पढ़ने को मम्मी कहती,पापा कहते बच्ची मेरी है छोटीचिड़ियों की तरह हम चहकते रहते,खेल-कूद कर दिन बिताते।पर देखो अब कैसा समय है आया,मोबाइल … Read more

कठिन क्षण

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* कठिन परीक्षा का क्षण हिंदुस्तान का।ख़तरे में जीवन आया इंसान का॥ तुच्छ नहीं यह बात बड़ी है,घर के बाहर मौत खड़ी है,लड़ना होगा युद्ध सभी को,कोरोना से जंग छिड़ी है।निकला आज जनाजा सकल जहान का,कठिन परीक्षा का क्षण…॥ बात हमारी मानो भाई,बंद करो सब आवाजाई,प्राण गवां दोगे भगदड़ में,रोयें मैया चाची … Read more

प्रोत्साहन के साथ मार्गदर्शन का भी कार्य करती हैं समीक्षाएं

लोकार्पण…. इंदौर(मप्र)। समीक्षा वास्तव में दर्पण का कार्य करती है,बशर्ते उस पर निकटता की धूल न हो। समीक्षाएं प्रोत्साहन के साथ मार्गदर्शन का भी कार्य करती हैं।यह बात वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेयी ने शासकीय श्री अहिल्या केन्द्रीय पुस्तकालय एवं हिन्दी परिवार इन्दौर के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन आयोजित मासिक बैठक पाठक संसद में ख्यात कवि … Read more

दया

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** अपनी बाईक स्टैण्ड पर खड़ी कर मैं बस की तरफ़ बढ़ रहा था,तभी एक भिखारी हाथ में भगवान की फ़ोटो लिए मुझसे पैसे मांगने लगा। मुझे उसके भीख मांगने पर बड़ा आश्चर्य हुआ,क्योंकि वह एक नौजवान व्यक्ति था। मुझे अपनी डायरी में लिखा एक सुविचार याद आया कि-‘दान के दो ही … Read more

कसक

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** शोभित मुस्कुराता हुआ अपने मोबाइल पर फटाफट उँगलियां दौड़ा रहा था! उसकी पत्नी नीरजा बहुत देर से उसके पास बैठी खामोशी से देख रही थी,जो उसकी रोज़ की आदत हो गई थी और जब भी कोई बात शोभित से करती तो जवाब ‘हाँ’-‘हूँ’ में ही होता या नपे-तुले शब्दों में!“किससे चैटिंग कर … Read more

क्षण-क्षण परिवर्तनशील जीवन

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* खामोश है दिलनिःशब्द नहीं,अधूरे हैं ख्वाबरिक्त नहीं।परेशां है मस्तिष्कमसरूफ़ नहीं,जीवन में हैं इम्तिहानपरिणाम नहीं।उदास हैं भावनीरस नहीं,गहरी हैं आँखेंनम नहीं।मलूक चेहरातबस्सुम नहीं,नाराज है जिन्दगीबेवफा नहीं।बेचैन है मनसिफर नहीं,बहुत हैं सवालजवाब नहीं।ख़्वाहिशें हैं शेष,उम्र है ढली॥ परिचय–उत्तराखण्ड के जिले ऊधम सिंह नगर में डॉ. पूनम अरोरा स्थाई रुप से बसी हुई … Read more