सफलता की कुंजी

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** निकला सोना आग से, रूप बदलता जाए... ज्यों-ज्यों उस पर चोट पड़े, और सुंदर हो जाए। बालक कहे कुम्हार से, कैसी मूरत दियो बनाए... जिस मिट्टी…

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होली

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** रंगों के सँग खेलती,एक नवल-सी आसl मन में पलने लग गया,फिर नेहिल विश्वासll लगे गुलाबी ठंड पर,आतपमय जज़्बातl प्रिये-मिलन के काल में,यादें सारी रातll…

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प्यारी अपनी धरती है

डॉ.विजय कुमार 'पुरी' कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)  *********************************************************** प्यारी अपनी धरती है और प्यारा अपना देश है। हरे-भरे पेड़ों से सजता सुंदर ये परिवेश है॥ कुछ लोग यहाँ पर ऐसे हैं,…

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कौन-सा रंग!

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** कान्हा... तुम्हें कौन-सा रंग लगाऊं! सूरज की, लाली को हाथों में भर, गालों को भर जाऊं। कान्हा, तुम्हें कौन-सा रंग लगाऊं!! या फिर काले-काले…

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वक्त कुछ कहना चाहता है

डोमन निषाद बेमेतरा(छत्तीसगढ़) ************************************************************ हर वक्त, जो कुछ न कुछ सिखाना चाहता है, कभी रूला कर कभी हँसा कर, जो सत्य है उसे दिखाना चाहता है, वक्त कुछ कहना चाहता…

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तीन आयाम

डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** एक- एक जमाना था एक दीवाना था, राह में कहीं से दिख जाए किसी सूरत में वो मिल जायेl आँखों से उसे चूम लूँ दिल…

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मिलन

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** जब हम होंगे,तुम्हारे पास तो, कयामत निश्चित ही,तुम्हारे दिल में आएगी। धड़कने दिलों की,मानो थम जाएगी, जब चाँदनी रात में,होगा दिलों का संगम। तो दिलों के,बाग…

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`सेठजी` ट्रम्प के छक्के

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस भारत-यात्रा से किसी भी विदेशी राष्ट्रध्यक्ष की यात्रा की तुलना नहीं की जा सकती। कुछ अर्थों में यह अप्रतिम…

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आँचल

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* आँचल- धानी चूनर भारती,आँचल भरा ममत्व। परिपाटी बलिदान की,विविध वर्ग भ्रातृत्व। विविध वर्ग भ्रातत्व,एकता अपनी थाती। आँचल भरे दुलार,हवा जब लोरी गाती। शर्मा बाबू लाल,करें हम…

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मानव का तन

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ************************************************************************* मानव का तन मिलता है कम, फिर जाने तू क्यों करता है गम। आकाश में तारे बहुत हैं मगर, चाँद की क़ीमत होती नहीं कम।…

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