डर रहा है आदमी

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आज आई है विपत्ति डर रहा है आदमी,आज आलम ये हुआ कि मर रहा है आदमी। आदमी की ज़ान की क़ीमत कुछ बची नहीं,देखते ही देखते मर रहा है आदमी। कोई बतलाये मुझे है ये कैसा समय,अपनों का जीना दूभर कर रहा है आदमी। आज चारों ओर बंदिशों ने घेरा है,मन को … Read more

सर्वोच्च न्यायालय का एक और निर्णय:साक्षी का बयान अब उसकी भाषा में लिखना होगा

मुम्बई (महाराष्ट्र)। भारतीय भाषा अभियान की एक और मांग को स्वीकार करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के तीन मा. न्यायमूर्तियों ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है।६ माह के अंदर सभी उच्च न्यायालय को फौजदारी के मुकदमों में कई फेरबदल करने होंगे। जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण फेरबदल है कि,साक्षी के बयान अब उसकी भाषा में लिखने होंगे। … Read more

‘कोरोना’ को मात देगा भारत

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* ‘कोरोना’ के विरुद्ध भारत में अब एक परिपूर्ण युद्ध शुरु हो गया है। केंद्र और राज्य की सरकारें,वे चाहे किसी भी दल की हों,अपनी कमर कस के कोरोना को हराने में जुट गई हैं। इन सरकारों से भी ज्यादा आम जनता में से कई ऐसे देवदूत प्रकट हो गए हैं, जिन पर … Read more

हृदय को जागृत करती है पुस्तक

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र) ************************************* विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… सामाजिक प्राणी में नैसर्गिक गुण विद्यमान रहता है- दूसरों के संपर्क में रहना चाहे सजीव हो या निर्जीव। गुणग्राही व्यक्ति सदैव गुणवान व्यक्तियों से संबंध बनाने की इच्छा से गृहित होते हैं और दुर्जन दुर्गुणों से। वास्तव में,मनुष्य की बुद्धि अति कोमल व लचीली होती … Read more

सामाजिक दर्पण मैं पुस्तक हूँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… ज्ञान का वैभव समेटे अन्तस्थल में,सृष्टि के आरब्ध से वर्तमान तकअबाध अनवरत यायावर,बन अतीत का आईना शाश्वत,चिरन्तनपारदर्शी निर्मल जीवन सलिल,कथिनक,ग्रन्थ या पोथी अभिलेखकुछ भी कहो,मैं जीवन पुस्तक हूँ।कर चतुर्वेदों को समाहित अन्तर्मन,ब्राह्मण,आरण्यक,उपनिषदों या वेदांगोंगणित,विज्ञान या खगोल या आयुर्वेद,अर्थशास्त्र या राजनीति की महाभारतसब शान्त मन … Read more

पुस्तकें जीवन का अर्थ

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… जी हाँ,पृथ्वी पर आने के बाद सर्वप्रथम मेरा परिचय माँ की गोद से हुआ। माँ की गोद में कुछ शारीरिक क्रियाएँ सीखीं। माँ ने उँगली पकड़ कर चलना सिखाया। संकेतों द्वारा एक मूक भाषा सिखाई। जब मैं तीन वर्ष की हुई तो विद्यालय में दाखिला दिला दिया। विद्यालय … Read more

ये कैसी आपदा…!

सुजीत जायसवाल ‘जीत’कौशाम्बी-प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)******************************************* सहम गया हूँ देख कर छवि ये भावुकता से भर देय,काल ‘कोरोना’ के समय हाय रे बिटिया ही कांधा लेय…कण-कण वासी राम जी ये कैसी अब आपदा दीन,एक-एक कर अपने ही अपनों के बिन नौका खेय। माना मृत्यु का रूप विकट है पर ये संताप चरम है,बिन आक्सीजन निकलते प्राण-मृत्यु मेरा … Read more

बला को टालें हनुमान जी

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** हनुमान जयंती विशेष.. आया है ‘कोरोना’ बन के महाकाल,हनुमान जी,भय आतंक का मचा हुआ है बवाल हनुमान जी। हर दु:ख के खात्मे की कुंजी हैं आप प्रभु महान,इस बला को जल्दी से जल्दी टालें हनुमान जी। प्राणियों को सदा आपने बचाया है हर संकट से,अब बन जाओ इससे हमारी ढाल हनुमान … Read more

अतुलित बलशाली

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** हनुमान जयंती विशेष… अतुलित बलशाली,वज्र लाल देह धारी,केशरी के लाल मातु अंजना के प्यारे हैं।जगती के त्राण हेतु,रुद्र अवतार लियो,वीर हनुमान वायु देव के दुलारे हैं॥भूत,प्रेत,दुष्ट,दैत्य,दानवों के लिए काल,भक्त प्रतिपाल,संत-सज्जनों को तारे हैं।अजर,अमर,ध्यान-ज्ञान-गुण-निधिवान,हृदय में हमेशा राम जानकी को धारे हैं॥ परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव … Read more

तन्हाई भी अब गुज़रती नहीं

ऋचा सिन्हानवी मुंबई(महाराष्ट्र)************************************* अश्क़ हैं कि संभलते नहीं,रूह है कि निकलती नहीं। दर्द की झड़ी जो थमती नहीं,डूब के साक़ी उफ़नती नहींकाली अँधियारी उदासी,तन्हाई भी अब गुज़रती नहीं। काँपते लब बिखरते एहसास,रूठ गए सब साज श्रंगारजीवन की है ये अजीब दास्तान,ये दूरी भी अब सही जाती नहीं। गफ़लत में गुज़ारी थी ज़िंदगी,भूल गई थी सब … Read more