डर रहा है आदमी
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आज आई है विपत्ति डर रहा है आदमी,आज आलम ये हुआ कि मर रहा है आदमी। आदमी की ज़ान की क़ीमत कुछ बची नहीं,देखते ही देखते मर रहा है आदमी। कोई बतलाये मुझे है ये कैसा समय,अपनों का जीना दूभर कर रहा है आदमी। आज चारों ओर बंदिशों ने घेरा है,मन को … Read more