हूक

डॉ. पंकज वासिनीपटना (बिहार) ******************** काव्य संग्रह हम और तुम से हमबता नहीं सकते,कितना अच्छा लगता था…तेरा आँखों से छूना…lलम्हा-दर-लम्हा…चुपचाप…सस्मित…!और,रोम-रोम मेरा पुलकित…lहृदय-वीणा पर,बज उठता मालकौश…!मन-मयूर नर्तित…,स्वप्न-अंजित-नयन सस्मित…lअरुण-मुख लाज-नत…और रुक जाते…

Comments Off on हूक

हम-तुम साथ-साथ

डॉ.पूर्णिमा मंडलोईइंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************** काव्य संग्रह हम और तुम से कुछ तुम मुझसे कहो,कुछ मैं तुमसे कहूंहम-तुम साथ साथ यूँ ही,प्यार भरे संवाद करते रहें। कुछ धागा तुम बुनो,कुछ तागा मैं…

Comments Off on हम-तुम साथ-साथ

परिंदों को मिलेगी मंज़िल एक दिन..

इदरीस खत्रीइंदौर(मध्यप्रदेश)************************************************ बात उन दिनों की है,जब मैं कुछ बच्चों को अभिनय सीखने में मदद कर रहा था। २०१२ की उस बैच में कुल १२ में से अभिनय के १…

Comments Off on परिंदों को मिलेगी मंज़िल एक दिन..

ताजमहल नहीं जागीर बादशाह की

नताशा गिरी  ‘शिखा’ मुंबई(महाराष्ट्र)*********************************** गुरुर नहीं,मैं ताजमहल हूँ,रक्त से सना संगमरमर का अकूहल हूँकितनों का प्रेम उजाड़ कर,अन्दर से बना खंडहरऊपर से दिखता चहल हूँ,प्रेम को घृणित कर देकिया कर्म वो…

Comments Off on ताजमहल नहीं जागीर बादशाह की

प्रेम,मस्ती और मादकता का वसंतोत्सव

डॉ.प्रभात कुमार सिंघलकोटा(राजस्थान)************************************ बसंत ऋतु में प्रकृति नया श्रृंगार करती है। खेतों में झूम उठते हैं सरसों के फूल,किसानों के चेहरे भी खुशी से चमक उठते हैं। आम के पेड़ों…

Comments Off on प्रेम,मस्ती और मादकता का वसंतोत्सव

तारता भी है कोरोना…!

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************** जी हाँ,नाम में बहुत कुछ रखा है,फिर चाहे ‘कोरोना’ ही क्यों न हो। आज सारा देश इस बेरहम विषाणु से बचाव का टीका आ जाने और उसे…

Comments Off on तारता भी है कोरोना…!

अटल सत्य है मृत्यु

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* अटल सत्य तो मृत्यु है,जिस पर चले न जोर।काल छीन ले कब कहाँ,साँसों की यह डोर॥ क्षणभर की है जिंन्दगी,करें पुण्य सब कर्म।मृदुवाणी अरु प्रेम से,सदा…

Comments Off on अटल सत्य है मृत्यु

तेरे बिन मैं अधूरा

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से तू हैतो मैं हूँ,तेरे बिनमैं अधूरा।तेरे बिनमैं कैसे,कर पाऊंगासब काम पूरा॥ एक अकेलामैं क्या,कर पाऊंगा!तेरा साथरहेगा तो,सारी दुनिया सेलड़…

Comments Off on तेरे बिन मैं अधूरा

नव विहान का सूरज है प्यार

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से विचलित हृदयतल पर धैर्य है प्यार,संवेदना और संभावनाओं से लिप्त है प्यार।अंधेरों में नव विहान का सूरज है प्यार,अनकही…

Comments Off on नव विहान का सूरज है प्यार

मुझे बसा लेना तुम

रंजन कुमार प्रसादरोहतास(बिहार) ******************************** काव्य संग्रह हम और तुम से झील-से हैं नैन तेरे,चाँद जैसा मुखड़ा हैअपने नैन झील में,मुझे बसा लेना तू। क्या करें तुम्हारे बिना,नहीं रह पाते हमकजरारी…

Comments Off on मुझे बसा लेना तुम