मिलकर उत्सव मनाएं

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष.... देखो-देखो भाई,आज मकर सक्रान्ति आई,हर घर से खुशबू,बनती तिल-गुड़ की मिठाई। चौक-चौराहे बिक रही,है रंग-बिरंगी पतंग सजाई,छत-आँगन में उड़े पतंग,बच्चों ने खुशियाँ…

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सावन माह

सरिता त्रिपाठीलखनउ(उत्तरप्रदेश)********************** ये माह है सावन का,ये माह है भोले का,भोले का भजन कर तुम,करो उद्धार जीवन का। ये रिमझिम सावन की,ये रिमझिम सावन की,इस रिमझिम बारिश में,आनंद लो मौसम…

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बोहनी

देवश्री गोयलजगदलपुर-बस्तर(छग)********************************************** वसुदेव सुबह-सुबह फेरी लगाने निकल रहा था…। वसुदेव गली-गली फेरी लगाकर गुब्बारा,चकरी, झुनझुना खिलौने आदि बेचा करता था…। 'तालाबंदी' के चलते वसुदेव की हालत बहुत खराब थी,बिक्री न…

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पाँचों अंगुलियाँ बराबर नहीं होती…!

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)********************************************* पिछले पन्द्रह दिन से मिसेज़ शर्मा को मलेरिया हो जाने की वज़ह से वो स्कूल नहीं आ रही थीं,इसलिए स्कूल से छुट्टी होते ही हम सब सहयोगी मित्र-शिक्षिकाएं…

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दिल में बस गये क़रार बनकर

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ वो आये चमन में बहार बनकर,दिल में बस गये मेरे क़रार बनकर। उनका इतराना शर्माना या ख़ुदा,मन में घुस गया कटार बनकर। देखूँ उनको या ग़ुलाबी गुल देखूँ,जिस्त…

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प्लास्टिक…नहीं और नहीं

इशिता मोहंतीकटक (ओडिशा)************************* जल थल,वायु और आकाश,सबमें हो रही प्रदूषण की जय-जयकार।'प्लास्टिक' रूपी राक्षस घोल रहा है जहर,प्लास्टिक का ही मचा है चारों और कहर।प्लास्टिक रसायन हानिकारक,जान लो मेरे मित्रों,खाने…

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जय जननी जय हिंदी भाषा

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** जय जननी जय हिन्दी भाषा,तू ही जन-जन की अभिलाषा। तेरा पहला अक्षर होता, नव जन्मे शिशु का पहला स्वरप्रथम ध्वनित होता तेरा ही,अक्षर जीवों की जिह्वा परlतू ही…

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इंसानियत

जी.ज्योत्स्नाकटक(ओडिशा)********************** बाबा कहते बनो इंजीनियर,अम्मा कहती बनो डॉक्टरदादी कहती बनो प्रोफेसर,अफसर या कलेक्टर,मेरे मन की उलझन को कोई समझना पाता।मेरे दिमाग में इक बात घूमती जाती,पहले मुर्गी आई या अंडा!न…

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एक प्यारा-सा गीत लिखता हूँ

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’मोहाली(पंजाब) **************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से... तुम्हें मैं एक प्यारा-सा गीत लिखता हूँ,तुम्हारे लिए आज सुनहरी प्रीत लिखता हूँ। ये सुहानी हवा दुआ कर रही हैं तुम्हारे…

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मैं भी कोई कविता हो जाती

प्रज्ञा आनंद ठाणे (महाराष्ट्र)*********************** काव्य संग्रह हम और तुम से.... मैं भी कोई कविता हो जाती,तेरे मन के मुस्कुराते,रोते भावों कोछूकर गुजरती।तेरी सोच में बहा करती,तेरी यादों में खिला करती।तेरे…

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