मन मदमस्त
बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** मन मस्ती में, भीगी हँसी छलकी मस्ती धड़की। धूप चादर, फैला चंचल पल मन बाहर। ठंडी पवन, खलबली-सी भरे खुशी की लय। तालों की गूँज, नटखट थिरके मन की साँस। बादल घेरे, पाँवों में परछाई हर्ष के डेरे। चाय की भाप, दोस्तों संग खिली है मस्ती के पल। हँसी की धुनें, पवन … Read more