कौशल्या के राम…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** नहीं विश्वास होता, राम आये,सजल नैना हमारे, मुस्कुराएजलाओ दीप बहना, गीत गाये,चलो देखें महल में, कौन आये। दिखेंगे राम कैसे, सोचती हूँ,कहाँ सीता हमारी,खोजती हूँलखन प्यारे कहाँ हैं, साथ होंगे,धनुष दोनों लिए ही, हाथ होंगे। बिना संतान के मन, खूब रोता,कहीं लगता नहीं है, चैन खोता।घड़ी ये आज कैसी, आ … Read more