प्रथम राष्ट्र अस्तित्व
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************** निश्छल मन पावन हृदय,स्वाभिमान व्यक्तित्व।प्रिया प्रसीदा भाविनी,रखी शक्ति अस्तित्व॥ गात्र सुकोमल चारुतम,विमल हृदय व्यक्तित्व।सत्यपूत परहित पथी,सर्वगुणी अस्तित्व॥ मृदुल वचन समधुर श्रवण,परसुख निज अस्तित्व।प्रीति साँच हो न्यायपथ,हरे शोक व्यक्तित्व॥ नारायण सम मांगलिक,आनंदक व्यक्तित्व।व्याधि निवारक हो दवा,मधुर वचन अस्तित्व॥ गौरव जो हो राष्ट्र का,राजनीति अस्तित्व।महाज्वाल संघर्ष का,धारदार व्यक्तित्व॥ आएँगी पथ मुश्किलें,हो … Read more