दिल्ली चुनाव:हिंसक एवं अराजक बयानों की उग्रता

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* दिल्ली में विधानसभा के चुनाव जैसे-जैसे निकट आता जा रहा है,अपने राजनीति भाग्य की संभावनाओं की तलाश में आरोप-प्रत्यारोप,हिंसक बयानों-वचनों और छींटाकशी का वातावरण उग्र होता जा रहा है। आम आदमी पार्टी,भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस तीनों ही दलों के नेता अपने चुनाव प्रचार में जिस तरह की उग्र भाषा का … Read more

सुदीर्घ राजनीतिज्ञ:भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा

हेमेन्द्र क्षीरसागर बालाघाट(मध्यप्रदेश) *************************************************************** राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘गठ’ से निकला एक स्वयंसेवक भाजपा का विस्तारित ‘गठन’ भी करेगा और सरकार के मुख्य दल का अध्यक्ष होने के नाते ‘गठबंधन’ धर्म का पालन भी करेगा। इस बात का साक्षी आने वाला समय बनेगा। यह भविष्यवाणी अब चरितार्थ हो गई,जब जगत प्रकाश नड्डा विश्व की सबसे … Read more

कै. अमरेन्द्र: राजधर्म पर हावी राजनीति धर्म

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** राजधर्म पर अगर स्वार्थपरक राजनीति का धर्म हावी हो जाए तो,वही होता है जो पंजाब विधानसभा में हुआ। कांग्रेस के नेतृत्व वाली कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार ने विधानसभा में ‘नागरिकता संशोधन विधेयक’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है और इसे संविधान के खिलाफ बता कर इसे वापिस लेने की मांग … Read more

भाजपा पीछे नहीं हटेगी

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** आज तीन-चार खबरों को एक साथ रखकर मैं सोचता रहा कि आशा की किरण भी उभर रही है और साथ ही घनेरे बादल भी छाते चले जा रहे हैं। एक तरफ डोनाल्ड ट्रम्प और इमरान दावोस में मिल रहे हैं और ट्रम्प कह रहे हैं कि आप चाहें तो मैं … Read more

बहुत जरुरी है जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** आबादी नियंत्रण करना नामुमकिन है, चाहे नियम,कानून,सामाजिक,पारिवारिक स्तर पर कितने भी प्रयास किये जाएंl इसको इस प्रकार समझाना-समझना होगा कि, वर्तमान में देश की आबादी १३० करोड़ हैंl हम पूरी आबादी को वर्षवार बाँट लें,यानी एक वर्ष से लेकर १३० वर्ष की आयु वर्ग के १ करोड़ लोग हैं,अब आप २० … Read more

युद्ध का अंधेरा नहीं चाहता कोई भी राष्ट्र

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* अमेरिका एवं ईरान के बीच बढ़ते तनाव से बनती विश्व युद्ध की स्थितियों ने समूची दुनिया को संकट में डाल दिया है। इन वैश्विक तनावों के बीच व्यापार और तकनीकी संघर्ष के चलते वैश्विक बाजार अस्थिर हो रहे हैं,विकास की गति मंद हो रही है,महंगाई बढ़ती जा रही है,मानव जीवन जटिल … Read more

परीक्षा:उम्मीदवार की या जनता की

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** जनतन्त्र जनतामय होता है। जनता के बीच से जनता द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि जननायक,जननेता,जनसेवक या ऐसे ही बहुतेरे विशेषणों से सुशोभित होता है। ग्राम पंचायत से संसद तक निर्वाचन की प्रक्रिया ही आधारभूत है। संविधान द्वारा निर्धारित मौलिक अर्हताओं को पूरा करके किसी भी एक पद के लिए दर्जनों उम्मीदवार … Read more

विदेश नीतिःनरम-गरम

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** कई लोग पूछ रहे हैं कि विदेश नीति के हिसाब से पिछला साल कैसा रहा ? मैं कहूंगा कि खट्टा-मीठा और नरम-गरम दोनों रहा। कश्मीर के पूर्ण विलय को चीन के अलावा सभी महाशक्तियों ने भारत का आतंरिक मामला मान लिया। सउदी अरब और संयुक्त अरब अमारात (यूएई) ने भी … Read more

कहां सावरकर और कहां राहुल ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** हमारे आजकल के नेताओं से यह आशा करना कि वे नेहरु, लोहिया,श्यामाप्रसाद मुखर्जी,विनोबा,अटलबिहारी वाजपेयी और नरसिंहराव की तरह पढ़े-लिखे होंगे,उनके साथ अन्याय करना होगा। वे सत्ता में हों या विपक्ष हों,उनका बौद्धिक स्तर लगभग एक-जैसा ही होता है। सलाहकार तो उनके भी होते हैं। लेकिन वे अपने स्तर के लोगों … Read more

अपराध और अपराधियों के संरक्षण में नेताओं का बड़ा योगदान

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** एक कहावत है कि जब कोई चूहा बिल्ली को आँख दिखाए,तो मान कर चलना चाहिए चूहे का बिल नजदीक हैl आज देश में प्रजातंत्र होने से,जनता की सरकार बनी,यानि चुने हुए प्रतिनिधि ही पंच,सरपंच,विधायक,सांसद उसके बाद मंत्री,मुख्यमंत्री,प्रधानमंत्री इत्यादि बनते हैंl इन सबको बनने के लिए प्राथमिक अर्हता है आपका दबदबा समाज … Read more