लोकसभा की शुरुआत सही दिशा में

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* हर राष्ट्र का सर्वाेच्च मंच उस राष्ट्र की संसद होती है,जो पूरे राष्ट्र के लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा संचालित होती है,राष्ट्र-संचालन की रीति-नीति और नियम तय करती है,उनकी आवाज बनती है व उनके ही हित में कार्य करती है। राष्ट्र के व्यापक हितों की सुरक्षा करती है। भारत का … Read more

सीता के बेदाग चरित्र पर तो सियासत का दागी दांव न खेलें…!

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ****************************************************************** कहावत है ‘सूत न कपास,जुलाहों में लट्ठमलट्ठा।‘ श्रीलंका स्थित दिवुरमपोला में सीता माता का मंदिर बनवाने को लेकर मध्यप्रदेश में दो राजनीतिक जुलाहों सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच कुछ इसी तरह का लट्ठमलट्ठा छिड़ा है। श्रीलंका में सीता एलिया वह स्थान है,जिसके बारे में मान्यता है कि रावण ने … Read more

छत्तीसगढ़ सरकार का विवेकहीन निर्णय

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** भारत देश में औसतन कोई भी व्यक्ति अधिक पौष्टिक नहीं है।अधिकांश कुपोषण से पीड़ित हैं,कारण सामान्य वर्ग को संतुलित आहार नहीं मिलता और निम्न एवं गरीबों को जब पर्याप्त भोजन नहीं मिलता तो वे कुपोषण की श्रेणी में आते हैं। सभी सरकारों का लक्ष्य है कि कुपोषण से कोई पीड़ित न … Read more

सत्ता सत्य है,राजनीति मिथ्या

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** कर्नाटक और गोवा में जो कुछ हो रहा है,उसने सारे देश को वेदांती बना दिया है। वेदांत की प्रसिद्ध उक्ति है-‘ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या’-याने “ब्रह्म ही सत्य है,यह जगत तो मिथ्या है।” दूसरे शब्दों में सत्ता ही सत्य है, राजनीति मिथ्या है। सत्ता ही ब्रह्म है,बाकी सब सपना है। राजनीति,विचारधारा,सिद्धांत, परम्परा,निष्ठा … Read more

कांग्रेसःप्रा.लि.कं. से राजनीतिक दल बनना होगा

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** कांग्रेस के अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कई अन्य युवा नेताओं के इस्तीफों की झड़ी लग गई है,लेकिन कांग्रेस के खुर्राट बुजुर्ग नेताओं में से किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया है,क्योंकि चुनाव-प्रचार के दौरान उनका कोई महत्व ही नहीं था। कांग्रेस का मतलब सिर्फ राहुल … Read more

`एक देश-एक चुनाव`…एक तीर से कई निशाने

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** द्रोणाचार्य ने पेड़ पर बैठे पक्षी को निशाना लगाने को बोला,सबने निशाने ताने,पर अर्जुन ने पक्षी की आँख को ही निशाना साधा और वह सफल हुआ। कभी-कभी शांत तालाब पर एक पत्थर फेंको,तो उसकी तरंगें पूरे तालाब में दिखाई देकर विलीन हो जाती हैं। राजा के मन की बात में उसका … Read more

लोकतंत्र का अपमान है दल बदलना

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** किसी एक दल के चुनाव निशान और नीतियों पर चुनाव जीत कर चुनाव बाद दूसरे दल में शामिल हो जाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का खुला अपमान है। चुनाव जीतने के बाद दूसरे दल में शामिल हो जाना मतदाताओं की भावनाओं के साथ एक खिलवाड़ है। इसकी इजाज़त किसी … Read more

भारत-पाकःदोनों हुक्मरान से कुछ बेहतर की उम्मीद

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** इस्लामाबाद के भारतीय दूतावास में ऐसा क्या हो रहा था,जिसे नाकामयाब करने के लिए पाकिस्तानी फौज और गुप्तचर विभाग ने अपने जवानों को अड़ा दिया। वहां १ जून को और कुछ नहीं, बस एक इफ्तार पार्टी हो रही थी। न तो वहां कोई भारतीय स्वाधीनता का जलसा हो रहा था,न … Read more

विशुद्ध राजनीति है अंग्रेजी को बढ़ाने की

डॉ.एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’  मुम्बई (महाराष्ट्र) ********************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल……. प्रश्न यह है कि अंग्रेजी समर्थक एक शक्तिशाली वर्ग जिसने संविधान सभा के निर्णय के पश्चात भी संविधान के अनुच्छेद ३४३ में इस प्रकार का प्रावधान करवाया कि संविधान लागू होने के १५ साल के बाद भी अंग्रेजी के प्रयोग … Read more

विरोध विशुद्ध राजनीतिक और स्वार्थों से प्रेरित

नवेंदु वाजपेयी ******************************************************************* शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल…….. तमिलनाडु में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा तथा अन्य संस्थाओं के जरिए हिंदी सीखने के लिए पंजीयन करने वालों का प्रतिशत बढ़ा है। यह केवल राजनीति प्रेरित विरोध है और इसका पुराना इतिहास रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप में भारत … Read more