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अंतर. मातृभाषा दिवस स्पर्धा में एच.एस. चाहिल व डॉ. शरद खरे प्रथम विजेता

कड़े मुकाबले में दूसरा स्थान पाया गोपाल चंद्र मुखर्जी और डॉ. धाराबल्लभ पांडेय ‘आलोक’ ने

इंदौर(मप्र)।

मातृभाषा हिंदीभाषा के सम्मान की दिशा में सतत कार्यरत हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा आयोजित मासिक लेखन स्पर्धा में रचना शिल्पी डॉ. शरद नारायण खरे(मप्र) एवं एच.एस. चाहिल (छग) प्रथम विजेता घोषित किया गए हैं। ‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ पर हुई इस स्पर्धा में कड़े मुकाबले में दूसरा स्थान गोपाल चंद्र मुखर्जी (छग) और डॉ. धाराबल्लभ पांडेय ‘आलोक’ (उत्तराखण्ड) ने प्राप्त किया है।
मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने २६ वीं स्पर्धा के परिणाम जारी करते हुए यह जानकारी दी। आपने बताया कि,स्पर्धा के लिए श्रेष्ठता अनुरुप चुनिंदा रचनाओं को चयनित किया गया। निर्णायक ने विभिन्न बिन्दुओं पर चयन करके पद्य विधा में ‘भली सबसे हिंदी भाषा’ रचना के लिए श्री चाहिल ‘बिल्ला'(बिलासपुर) की प्रथम एवं ‘मेरी माँ’ हेतु गोपाल चंद्र मुखर्जी (बिलासपुर) की द्वितीय तो ‘सभ्यता है मातृभाषा’ रचना पर डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्ला (कानपुर,उप्र)की तृतीय जीत सुनिश्चित की।
इसी तरह गद्य विधा में डॉ. शरद खरे (मंडला, मप्र) को (मातृभाषा की महता निर्विवाद) पहला स्थान मिला है,तो उत्तराखण्ड से डॉ. धारा बल्लभ पांडेय ‘आलोक’ (अल्मोड़ा) द्वितीय (मातृभाषा आदमी के संस्कारों की संवाहक)एवं ‘मातृभूमि, संस्कृति और मातृभाषा का आदर करना चाहिए’ रचना के लिए योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (पटना,बिहार) को तीसरा स्थान दिया गया है।
श्रीमती जैन ने बताया कि,निरन्तर जारी मासिक स्पर्धा में इस बार भी सभी रचनाशिल्पियों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। पोर्टल की संयोजक सम्पादक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह ने विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक शुभकामनाएं-बधाई दी है।

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