कुल पृष्ठ दर्शन : 266

दिल न बहला तो शायरी कर ली

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी
कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)

*****************************************************

दिल न बहला तो शायरी कर ली,
बुझती आँखों में रोशनी कर ली।

साथ काँटों का जब मिला मुझको,
फूल जैसी ये ज़िंदगी कर ली।

चोट खाया…तो होश आया है,
क्यूँ जमाने से दोस्ती कर ली।

नाम लेना कभी न मजनूँ का,
मैंने उसकी बराबरी कर ली।

चाँद गायब है तू बता कैसे ?
इस अमावस में चाँदनी कर ली।

गाँव जाना मुझे है ऐ साहब,
जितना करना था हाज़री कर ली।

नाम लेकर तुम्हारा पतझड़ में,
दिल की बगिया हरी-भरी कर ली।

हमने ‘आकाश’ की भलाई पर,
आज लोगों ने दुश्मनी कर लीll

परिचय–वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। जन्म तारीख १५ अगस्त १९८० एवं जन्म स्थान ग्राम महेशपुर,कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)है। वर्तमान में भी कुशीनगर में ही हैं,और स्थाई पता यही है। स्नातक तक शिक्षित श्री कुशवाहा क़ा कार्यक्षेत्र-शिक्षण(शिक्षक)है। आप सामाजिक गतिविधि में कवि सम्मेलन के माध्यम से सामाजिक बुराईयों पर प्रहार करते हैं। आपकी लेखन विधा-काव्य सहित सभी विधाएं है। किताब-‘सब रोटी का खेल’ आ चुकी है। साथ ही विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आपको गीतिका श्री (सुलतानपुर),साहित्य रत्न (कुशीनगर) शिल्प शिरोमणी सम्मान (गाजीपुर)प्राप्त हुआ है। विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी से काव्यपाठ करना है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-रुचि है।

Leave a Reply