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करवा चौथ

डॉ.पूर्णिमा मंडलोई
इंदौर(मध्यप्रदेश)

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घर के सामने से ‘सुमन’ गुजर रही थी,अचानक ‘मीरा’ की नजर उस पर पड़ी। मीरा ने आवाज लगाई-`सुमन! सुमन!` सुमन ने पलट कर देखा,तो मीरा ने पूछा-`तू यहां किसके घर आती है ?`सुमन बोली-`दीदी! यहाँ पास में संगीता भाभी को लड़का हुआ है ना,उसी की मालिश करने आती हूँ।` मीरा का तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। बोली,-`अरे! मुझे तो पता ही नहीं चला कि,तू रोज मेरे पड़ोस में ही आती है। चल अच्छा है,अब तू रोज मेरी भी मालिश कर दिया कर।`
मीरा को कई सालों से हड्डियों में दर्द रहता है। पहले भी कई बार सुमन से मालिश करवाती रही है। मीरा बोली,-`सुमन तू कल से ही आजा। कल कितने बजे आएगी ?` 
`नहीं दीदी कल नहीं आ पाऊंगी,`सुमन ने जवाब दिया। 
`क्यों ?` 
`कल `करवा चौथ` है ना दीदी।` 
`तो तू करवा चौथ करेगी ?`-बड़े आश्चर्य से मीरा ने पूछा,क्योंकि मीरा को सुमन के परिवार के बारे में सब-कुछ मालूम था। उसके २ लड़के है। बड़ा बेटा बी.एस-सी. कर चुका है,अब नौकरी भी करने लगा है और छोटे बेटे ने अभी अभी कॉलेज में कदम रखा है,जबकि पति वर्षों पहले उसे छोड़कर कहीं चला गया था। आज लगभग १५ वर्ष से अधिक हो चुके हैं। अभी तक उसका कोई पता-ठिकाना नहीं चला कि,वह कहां है,क्या करता है,ना ही कभी सुमन से मिलने आया। कितनी मुश्किलें से सुमन ने अपने बच्चों को बड़ा किया,पढ़ाया,अपने पैरों पर खड़ा होने लायक बनाया। इस सबके बावजूद जब सुमन ने करवा चौथ का उपवास करने की बात की,तो मीरा को बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने पूछा,-`क्या तेरा पति लौट आया है ?` 
`नहीं दीदी,उसका तो कोई पता नहीं चला। अब सुमन के स्वर भी धीमे हो चले थे। 
`तो फिर तू क्यों कर रही है करवा चौथ ?` ‘दीदी वह जहां भी हो होगा,है तो सही ना। बस यही सोच कर `करवा चौथ` करती रहती हूँ।’ इतना कह कर सुमन मुस्कुरा दी और बोलते हुए चली गई कि,-‘परसों आउंगी दीदी।`

परिचय–डॉ.पूर्णिमा मण्डलोई का जन्म १० जून १९६७ को हुआ है। आपने एम.एस.सी.(प्राणी शास्त्र),एम.ए.(हिन्दी) व एम.एड. के बाद पी-एच. डी. की उपाधि(शिक्षा) प्राप्त की है। डॉ. मण्डलोई मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित सुखलिया में निवासरत हैं। आपने १९९२ से शिक्षा विभाग में सतत अध्यापन कार्य करते हुए विद्यार्थियों को पाठय सहगामी गतिविधियों में मार्गदर्शन देकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाई है। विज्ञान विषय पर अनेक कार्यशाला-स्पर्धाओं में सहभागिता करके पुरस्कार प्राप्त किए हैं। २०१० में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान (जबलपुर) एवं मध्यप्रदेश विज्ञान परिषद(भोपाल) द्वारा विज्ञान नवाचार पुरस्कार एवं २५ हजार की राशि से आपको सम्मानित किया गया हैL वर्तमान में आप सरकारी विद्यालय में व्याख्याता के रुप में सेवारत हैंL कई वर्ष से लेखन कार्य के चलते विद्यालय सहित अन्य तथा शोध संबधी पत्र-पत्रिकाओं में लेख एवं कविता प्रकाशन जारी है। लेखनी का उद्देश्य लेखन कार्य से समाज में जन-जन तक अपनी बात को पहुंचाकर परिवर्तन लाना है।

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