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सम्भल जाओ चीन…

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’
गोरखपुर(उत्तर प्रदेश)

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भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष……

सम्भल जाओ,सुधर जाओ
नहीं तो देंगे तुमको चीर,
विषधर तुम विष बीज
मिटा कर रख देंगे तुझे चीन।

फन कुचल देंगे तुम्हारी हस्ती मिटा देंगे
मानवता के दुश्मन दानव चीन धूर्त,
पाखंडी,मक्कार तेरी दानवता मक्कारी का
विश्व बंधु देगा जबाब गिन-गिन।
मिटा कर रख देंगे तुझे चीन…

सन् बासठ में धोखा दिया
छल छद्म की चाल चला,
भूले नहीं हम तेरी कुटिल कुटिलता को
भारत हम सौम्य शालीन।
मिटा कर रख देंगे तुझे चीन…

मेरे बाज़ारों का तू बड़ा व्यापारी
तेरे हर उत्पाद का बहिष्कार करेंगें,
तेरा मर्दन मान करेंगे तुझसे
दो-दो हाथ करेंगे लड़ेंगे,
तेरा सत्यानाश करेंगे।
मिटा कर रख देंगें तुझे चीन…

तू चालाक लोमड़ी
दोस्ती का स्वांग रचता,
पीठ में खंजर घोंपता
तेरी नीति,नीयत,कायर दुष्टों की
तेरी हर कुटिल,चाल-जाल को काट देंगेl
मिटा कर रख देंगे तुझे चीन…

तूने हमारे पड़ोसी नेपाल को
दुश्मनी की राह दिखाई है,
निगल जाएगा तू भोले-भाले नेपाल-नेपाली को
तेरी मंशा,नहीं जानता गर नेपाल।
मिटा कर रख देंगे तुझे चीन…

मिट जाएगा तेरे पाश में
नहीं रहेगा विश्व नक्शे में नेपाल,
भोले-भाले नेपाली को,
शायद नहीं आभास।
मिटा कर रख देंगे तुझे चीन…

पूरी नहीं होने देंगे तेरी कोई चाल
चाहे जितनी चालें चल ले,
तेरा होने वाला है बुरा हाल
नीचl
मिटा कर रख देंगे तुझे चीन…

तू कितना दुष्ट दमनकारी
अपने ही लोगों का करता है संहार,
तू विघटनकारी,तू अत्याचारी
होने वाला है तेरा अब सर्वनाश,
उछल-कूद तू चाहे जितनी कर ले चीनl
मिटाकर रख देंगे तुझे चीन…

तू धमकी देता-चेतावनी
सुन ले कान खोलकर,
तू है अब बेमोल कौड़ी का तीनl
मिटा कर रख देंगे तुझे चीन…

भारत के हर सैनिक की
शहादत का हिसाब करेंगे,
तेरे टुकड़े हज़ार करेंगे
नहीं गिन पाएगा तू गिन-गिन।
मिटाकर रख देंगे तुझे चीन…

हर भारतवासी का खून है खौला
अपने हर शहीद जवान का,
बदला एक एक पे बीस
ललकार सुन ले फुंकार तू अपनी बंद कर
कर देंगे तुझे हम कट पीसl
मिटाकर रख देंगे तुझे हम चीन…

हम कायर कमजोर नहीं
हम तुझ जैसा धोखा और फरेब नहीं,
हम भारतवासी
जो आँख दिखाए,आँख निकालें
जो दे चुनौती उसका काल बनें,
सम्भल जाओ अब चीन।
मिटाकर रख देंगे हम चीन…

कर तू आजमाइश-जोर नहीं
पछताएगा,कहीं का ना तू रह जाएगा,
होगा तू गमगीन
मिटा कर रख देंगें हम चीन…

प्रेम-शांति का बुद्ध सिद्धांत
अहिंसा परमो धर्मः की आवाज,
अवतार से करता है तू रार
तेरी अब खैर नहीं,
तरसेगा-मरेगा बिन पानी के चीनl
मिटा कर रख देंगे हम चीन…

विश्व लड़ रहा जंग कोरोना से
तेरी ही शातिर खुराफात की देन,
जितना तू गिरता जाएगा
उतना तू पछताएगाl
सभल नहीं पाएगा चीन,
मिटा कर रख देंगे तुझे चीन|

परिचय-एन.एल.एम. त्रिपाठी का पूरा नाम नंदलाल मणी त्रिपाठी एवं साहित्यिक उपनाम ‘पीताम्बर’ है। इनकी जन्म तारीख १० जनवरी १९६२ एवं जन्म स्थान-गोरखपुर है। आपका वर्तमान और स्थाई निवास गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में ही है। हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री त्रिपाठी की पूर्ण शिक्षा-परास्नातक हैl कार्यक्षेत्र-प्राचार्य(सरकारी बीमा प्रशिक्षण संस्थान) है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त युवा संवर्धन, बेटी बचाओ आंदोलन,महिला सशक्तिकरण,विकलांग और अक्षम लोगों के लिए प्रभावी परिणाम परक सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,नाटक,उपन्यास और कहानी है। प्रकाशन में आपके खाते में-अधूरा इंसान (उपन्यास),उड़ान का पक्षी,रिश्ते जीवन के(काव्य संग्रह)है तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-भारतीय धर्म दर्शन अध्ययन है। लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-पूज्य माता-पिता,दादा और पूज्य डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। विशेषज्ञता-सभी विषयों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा दे सकने की क्षमता है।

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