कुल पृष्ठ दर्शन : 248

You are currently viewing ईश्वर,विद्यालय खोल दो तुरंत

ईश्वर,विद्यालय खोल दो तुरंत

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
******************************************

जाने दो विद्यालय हमें,
करो ना अब तुम तन्हाई।
बहुत डराया ‘कोरोना’ हमें,
भाग अब इसमें तेरी भलाई।

दोस्तों का साथ छूटा,
गुरुजी का दुलार छूटा।
छूट गया हँसी का संसार,
बंद हो गया ज्ञान का भंडार।

पहले जाकर पीछे बैंच बैठना,
मजे से दोस्तों का टिफ़िन खाना।
पढ़ना-लिखना दोस्तों के साथ,
लगती हमें यह सपनों की बात।

कोरोना आया फैलाई माया,
दिखती सर्वत्र उसकी ही काया।
रहा ना अब कोई साथ अपना,
दिखता अब अपना भी पराया।

बंद विद्यालय ने हमें बहुत डराया है,
भविष्य बच्चों का अब थर्राया है।
हो गया है ज्ञान दर्शन अब बंद,
समाप्त हो जल्दी कोरोना पाबंद।

हे भगवान दुनिया फिर क़ाबिल हो जाए,
पुनः बच्चे विद्यालय में दाखिल हो जाएं।
कोरोना छुट्टियों के दौर का हो अब अंत,
ईश्वर अब तो विद्यालय खोल दो तुरंत॥

परिचय–साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैL जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैL भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैL साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैL आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैL सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंL लेखन विधा-कविता एवं लेख हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैL पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंL विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।

Leave a Reply