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अलविदा २०२०

रेणू अग्रवाल
हैदराबाद(तेलंगाना)
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गुजरा हुआ साल,कर गया बेहाल,
न जाने कितने लोग हुए कंगाल।

एक तरफ़ बीमारी ने तोड़ डाला,
फ़िर दुकानों पे पड़ गया ताला।

इलाज़ नहीं अभी महामारी का,
नहीं कोई तोड़ चलता आरी का।

मंदिर बंद मस्ज़िद बंद,बंद गुरुद्वारे,
सब इकट्ठे घर में रहकर हुए बेचारे।

जो दूर गाँव से आकर बस चुके थे,
रोटी के लिये भागे गाँव फ़िर सारे थे।

नंगे पैर भूखे प्यासे,न होटल न झाँसे,
गाँव जाने की न टूटी मगर आस।

कई लोगों ने भोजन दान दिया,
इन्सानियत को याद किया।

सोनू सूद आए,सबको खाना खिलाए,
करोड़ों रुपए पीएम खाते में डलवाए।

बाहर जाओ तो मास्क ज़रूरी है,
छह फुट दूरी भी तो मजबूरी है।

अब तो साँसें भी संभालनी होगी,
नियम और शर्तें भी पालनी होगी।

जीना है तो सावधानियां पालो तुम,
नहीं तो बरबादियाँ ही जानों तुम।

महामारी की वैक्सीन की सफ़लता,
धर्म गुरुओं की सक्रियता में अल्पता।

कोई कहे सुअर की चर्बी है इसमें,
कोई कहे गाय का रक्त जी इसमें।

सब शक ख़ारिज हो चुके हैं,
शहर-शहर में लग चुके टीके हैं।

इलाज ‘आधार’ कार्ड पर होगा,
नहीं तो वो लाइन से बाहर होगा।

इलाज़ भी सूट करेगा या नहीं,
फ़िर से संभालना पड़ेगा वहीं।

गया साल जाकर भी नहीं जाएगा,
नया साल आकर भी नहीं आएगा।

कैसी मज़बूरी है,
छह फुट की दूरी है।

सब ज़रूरी है,
वरना ज़िन्दगी अधूरी है।

जीना है तो मानों नियमों को,
दूर करो सभी उलझनों को।

पूरा ब्रह्मांड जो चलाए,
डॉक्टर वहाँ काम न आए।

‘रेणू’ कहे अपने साथियों को,
समझो,दूर करो भ्रांतियों को॥

परिचय-रेणू अग्रवाल की जन्म तारीख ८ अक्टूबर १९६३ तथा जन्म स्थान-हैदराबाद है। रेणू अग्रवाल का निवास वर्तमान में हैदराबाद(तेलंगाना)में है। इनका स्थाई पता भी यही है। तेलंगाना राज्य की वासी रेणू जी की शिक्षा-इंटर है। कार्यक्षेत्र में आप गृहिणी हैं। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज में शाखा की अध्यक्ष रही हैं। लेखन विधा-काव्य(कविता,गीत,ग़ज़ल आदि) है। आपको हिंदी,तेलुगु एवं इंग्लिश भाषा का ज्ञान है। प्रकाशन के नाम पर काव्य संग्रह-सिसकते एहसास(२००९) और लफ़्ज़ों में ज़िन्दगी(२०१६)है। रचनाओं का प्रकाशन कई पत्र-पत्रिकाओं में ज़ारी है। आपको प्राप्त सम्मान में सर्वश्रेष्ठ कवियित्री,स्मृति चिन्ह,१२ सम्मान-पत्र और लघु कथा में प्रथम सम्मान-पत्र है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-गुरुजी से उज्जैन में सम्मान,कवि सम्मेलन करना और स्वागत कर आशीर्वाद मिलना है। रेणू जी की लेखनी का उद्देश्य-कोई रचना पढ़कर अपने ग़म दो मिनट के लिये भी भूल जाए और उसके चेहरे पर मुस्कान लाना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-हर हाल में खुशी है। विशेषज्ञता-सफ़ल माँ और कवियित्री होना है,जबकि रुचि-सबसे अधिक बस लिखना एवं पुरानी फिल्में देखना है।

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