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हिंदी भाषा है हिंदुस्तान की

राजबाला शर्मा ‘दीप’
अजमेर(राजस्थान)
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हिंदी दिवस विशेष…..

हिंदी भाषा है हिंदुस्तान की,
भाषा में सिरमौर है जहान की।

हिंदी अपनी,हिंदी पर अभिमान है,
बड़ी निराली है ये हिंद की शान है।

संस्कृत की बेटी है,बड़ी महान है,
कस्तूरी,चंदन है रस-खान है।

मधुर,सरस,मनमोहक हिंदी बोली है,
देवनागरी-लिपि में अमृत घोली है।

अखंड अपना हिंद एकता का दर्पण है,
अपना सब-कुछ हिंदी तुझे अर्पण है।

बहुत प्यार करते हैं,हम श्रद्धातुर हैं,
मोहक भाषा मोहक वर्णन-अक्षर हैं।

हिंदी से ही हम करें भावों को अभिव्यक्त,
जग में बिगुल बजाएं करके इसे समर्थ।

हिंदूकुश की हिंदी सुमधुर वाणी है,
अर्थवती है,भास्वर है,कल्याणी हैll

परिचय– राजबाला शर्मा का साहित्यिक उपनाम-दीप है। १४ सितम्बर १९५२ को भरतपुर (राज.)में जन्मीं राजबाला शर्मा का वर्तमान बसेरा अजमेर (राजस्थान)में है। स्थाई रुप से अजमेर निवासी दीप को भाषा ज्ञान-हिंदी एवं बृज का है। कार्यक्षेत्र-गृहिणी का है। इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी, गज़ल है। माँ और इंतजार-साझा पुस्तक आपके खाते में है। लेखनी का उद्देश्य-जन जागरण तथा आत्मसंतुष्टि है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-शरदचंद्र, प्रेमचंद्र और नागार्जुन हैं। आपके लिए प्रेरणा पुंज-विवेकानंद जी हैं। सबके लिए संदेश-‘सत्यमेव जयते’ का है।

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