कुल पृष्ठ दर्शन : 201

You are currently viewing ‘हिन्दी’ हृदय स्पन्दन

‘हिन्दी’ हृदय स्पन्दन

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’
बहादुरगढ़(हरियाणा)
*********************************************************

हिंदी दिवस विशेष……..

तिरंगे-सी महान,एकता की पहचान,
देवभाषा की संतान हिंदी ने सदभाव खूब बढ़ाया है,
हिन्दी हिन्द का गौरव है,
जिसकी सरलता और व्यापकता ने
पूरे विश्व में,
परचम लहराया है।
अंग्रेजी-अंग्रेजी रटने वालो,तुमने स्वयं ही तो,
मातृभाषा का मान घटाया है
क्या कभी अंग्रेजों ने,अपने देश में,
किसी भी तरह,’अंग्रेजी दिवस’ मनाया है।
हिन्दी,मनभावन हिन्दी,प्यारी हिन्दी,
दुलारी हिन्दी,हिन्दी हिन्द की हृदय स्पन्दन
आओ लिखें हिन्दी,पढ़े हिन्दी,बोलें हिन्दी, यही तो है,हिन्दी का पूर्ण अभिनन्दन।
साहित्य,सिनेमा,सोशल मीडिया,दूरदर्शन में,
हिन्दी प्रयोग से मिट गई हैं,सब दूरियां
हिन्दी को हृदय में बसा लो,अपना बना लो, फिर मिट जाएंगी,सब मजबूरियां।
हिन्दी है,हमारे हृदय की,धड़कन,
ये धड़कती धड़कन,है हमारा अमिट प्यार
हमारी हिन्दी,अब बनेगी,सबकी प्यारी हिन्दी,
हिन्दी से ही गूंजेगा,सारा संसार।
नित नए बदलते युग में,
हिन्दी के प्रचार की,प्रसार की
सम्भावना अपार है,
फिर देखना,यही हिन्दी,
जन-जन का आधार है
माँ भारती का श्रृंगार है।
हिन्दी प्रतीक है,राष्ट्र की अस्मिता की,
हर दिन ही होगा,हिन्दी का मान-सम्मान।
जरूरत है इक ज़ज़्बे की,मजबूत इरादे की,
तब ही हर चुनौती का होगा सम्पूर्ण समाधान॥

परिचय–राजकुमार अरोड़ा का साहित्यिक उपनाम `गाइड` हैL जन्म स्थान-भिवानी (हरियाणा) हैL आपका स्थाई बसेरा वर्तमान में बहादुरगढ़ (जिला झज्जर)स्थित सेक्टर २ में हैL हिंदी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री अरोड़ा की पूर्ण शिक्षा-एम.ए.(हिंदी) हैL आपका कार्यक्षेत्र-बैंक(२०१७ में सेवानिवृत्त)रहा हैL सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत-अध्यक्ष लियो क्लब सहित कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़ाव हैL आपकी लेखन विधा-कविता,गीत,निबन्ध,लघुकथा, कहानी और लेख हैL १९७० से अनवरत लेखन में सक्रिय `गाइड` की मंच संचालन, कवि सम्मेलन व गोष्ठियों में निरंतर भागीदारी हैL प्रकाशन के अंतर्गत काव्य संग्रह ‘खिलते फूल’,`उभरती कलियाँ`,`रंगे बहार`,`जश्ने बहार` संकलन प्रकाशित है तो १९७८ से १९८१ तक पाक्षिक पत्रिका का गौरवमयी प्रकाशन तथा दूसरी पत्रिका का भी समय-समय पर प्रकाशन आपके खाते में है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। प्राप्त सम्मान पुरस्कार में आपको २०१२ में भरतपुर में कवि सम्मेलन में `काव्य गौरव’ सम्मान और २०१९ में ‘आँचलिक साहित्य विभूषण’ सम्मान मिला हैL इनकी विशेष उपलब्धि-२०१७ में काव्य संग्रह ‘मुठ्ठी भर एहसास’ प्रकाशित होना तथा बैंक द्वारा लोकार्पण करना है। राजकुमार अरोड़ा की लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा से अथाह लगाव के कारण विभिन्न कार्यक्रमों विचार गोष्ठी-सम्मेलनों का समय समय पर आयोजन करना हैL आपके पसंदीदा हिंदी लेखक-अशोक चक्रधर,राजेन्द्र राजन, ज्ञानप्रकाश विवेक एवं डॉ. मधुकांत हैंL प्रेरणापुंज-साहित्यिक गुरु डॉ. स्व. पदमश्री गोपालप्रसाद व्यास हैं। श्री अरोड़ा की विशेषज्ञता-विचार मन में आते ही उसे कविता या मुक्तक रूप में मूर्त रूप देना है। देश- विदेश के प्रति आपके विचार-“विविधता व अनेकरूपता से परिपूर्ण अपना भारत सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक, साहित्यिक, आर्थिक, राजनीतिक रूप में अतुल्य,अनुपम, बेजोड़ है,तो विदेशों में आडम्बर अधिक, वास्तविकता कम एवं शालीनता तो बहुत ही कम है।

Leave a Reply