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स्पर्धा में डॉ. एन.के. सेठी-जे.पी.मिश्र को प्रथम व गीतांजली वार्ष्णेय-डॉ. पूर्णिमा मंडलोई को द्वितीय स्थान

इंदौर।

हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा कराई गई स्पर्धा ‘भारत और चीन के रिश्ते’ के परिणाम १८ जुलाई को जारी कर दिए गए हैं। इसमें पद्य वर्ग में डॉ. एन.के. सेठी (राजस्थान)को प्रथम व गीतांजली वार्ष्णेय (उप्र) को द्वितीय विजेता बनने का अवसर मिला है। ऐसे ही गद्य में पहला स्थान योगेन्द्र प्रसाद मिश्र(बिहार)तथा दूसरा डॉ. पूर्णिमा मंडलोई(मप्र)को प्राप्त हुआ है।
मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने यह जानकारी दी। आपने बताया कि,३० जून २०२० को ‘भारत और चीन के रिश्ते’ विषय पर आयोजित इस १६ वीं विशेष स्पर्धा में भी कई प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई,पर मानक अनुसार चुनिंदा को प्रकाशन में लिया गया। रचना शिल्पियों की कथ्य उत्कृष्टता अनुसार निर्णायक ने विभिन्न बिन्दु पर चयन पश्चात पद्य विधा में बांदीकुई के रचनाशिल्पी डॉ. सेठी की रचना ‘उठो देश के वीर जवानों’ को पहला एवं बरेली की रचनाशिल्पी गीतांजलि वार्ष्णेय ‘गीतू’ की ‘न चल पाएगी ये मक्कारी’ को दूसरा स्थान दिया। इसी वर्ग में विशेष स्थान अख्तर अली अली शाह अनन्त(मप्र) को प्राप्त हुआ है।
श्रीमती जैन ने बताया कि,इसी प्रकार गद्य विधा में प्रथम ‘भारत ने दिया बुद्ध,चीन ने बदले में दिया युद्ध’-योगेन्द्र प्रसाद मिश्र(जेपी मिश्र,पटना)एवं द्वितीय रचना ‘भारत-चीन के बिगड़ते रिश्ते और हमारी आत्मनिर्भरता’-डॉ. पूर्णिमा मंडलोई(इन्दौर)रही है,जबकि इन्दु भूषण बाली(कश्मीर) को विशेष स्थान प्राप्त हुआ है।
पोर्टल की संयोजक सम्पादक प्रो. डॉ. सोनाली सिंह एवं प्रचार प्रमुख सुश्री नमिता दुबे ने सभी विजेताओं और सहभागियों को हार्दिक शुभकामनाएं-बधाई दी है।

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