रोहित मिश्र,
प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)
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आज गगन में प्यारी लाली छाई,
सूरज ने मंद-मंद किरणें,फैलाई।
धूप ने,भी ली बड़ी अंगड़ाई,
बागों में है कलियाँ खिल आई।
कोयल की मधुर आवाजें आई,
चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई।
चारों तरफ बागों में हरियाली छाई,
उपवन में ताजे फूलों की खूशबू आई।
प्रकृति की भी चुनरिया,लहराई,
आज गगन में प्यारी लाली छाई॥