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साहित्यिक पूर्वजों का शब्दांजलि से किया तर्पण

इंदौर(म.प्र.)।

वर्षा ऋतु की मंद फुहार,भावों की अंजुरी के बीच अपने साहित्यिक पूर्वजों का नमन करते हुए श्रेष्ठ साहित्य साधकों को उत्तम शब्दों से शब्दांजलि,अर्थात् तर्पण किया गया। दिग्गज साहित्य मनीषियों को विशेष ऑनलाईन आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के अनेक नगरों से शब्दांजलि दी गई।
संस्था नई क़लम के इस साहित्यिक अनुष्ठान के अंतर्गत श्राद्ध पक्ष में साहित्यिक कुल के मानस पूर्वजों को शब्दों की भावांजलि अर्पित कर उनके सद्कर्मों,श्रेष्ठ लेखन और उनकी साहित्य सेवा का स्मरण किया गया। हमारे समृद्ध साहित्य के रचयिता समस्त क़लमकार कबीरदास जी,सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, मुंशी प्रेमचंद, सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन ‘अज्ञेय’, बाबा नागार्जुन, मैथिलीशरण गुप्त, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, महादेवी वर्मा, जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’,पं. अटल बिहारी वाजपेयी,कमलेश्वर,दुष्यंत कुमार,गोपालदास ‘नीरज’,अज़मल सुल्तानपुरी,राहत इंदौरी,कमलचंद वर्मा, और दिनेश चंचल जैसे साहित्य मनीषियों को शब्दांजलि दी गई।
संस्था के विनोद सोनगीर ने बताया कि,
आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के अनेक नगरों से क़लमकार संस्था के पटल पर एकत्रित हुए। श्रुति मुखिया,रविराज टांक, नितेश कुम्भकार,महेंद्र कुमार जैन,पवित्रा अजय ‘पवि’ सरिता चौहान,डॉ. विमल कुमार, पूनम आदित्य,अंजलि तिवारी मिश्रा, विनोद सोनगीर एवं डॉ. संगीता पाल आदि ने सुंदर रचनाएं प्रस्तुत की।
अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि नरेन्द्र अटल द्वारा की गई। मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि कैलाश बिहारी सिंघल रहे। संचालन कवि जितेन्द्र राज व पूनम आदित्य ने किया। आभार प्रदर्शन कवि विनोद सोनगीर ने व्यक्त किया।

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