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मेरा भारत है बहुत महान

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ 
उदयपुर(राजस्थान)

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स्वतंत्रता दिवस विशेष ……..

मेरा भारत है बहुत महान
वीर इसके हैं सपूत जवान,
खड़े हैं बन सीमा पे प्रहरी
तैयार हैं अस्त्र-शस्त्र तान,
जल थल नभ के रखवाले
देश हित में न्यौछावर प्राण।

मेरा भारत है बहुत महान
कर्मठ इसके सपूत किसान,
सर्दी गर्मी वर्षा में हैं तत्पर
खेतों में लगा देते हैं जान,
खून पसीने से धरा सींचते
भारत माँ का बढ़ाते हैं मान।

मेरा भारत है बहुत महान
योग्य सपूत सम्भालें विज्ञान,
हर क्षेत्र में सबसे आगे हम
दुनिया माने हमारा ये ज्ञान,
औधोगिक,चिकित्सा,संचार
इन वैज्ञानिकों का अभिमान।

मेरा भारत है बहुत महान
इसका भूगोल इसकी शान,
मुकुट,हिमालय बन गया है
सागर पर छाले इसके पाँव,
पूर्व से पश्चिम तक ये देखो
नदियाँ,वन,खेत,खलिहान।

मेरा भारत है बहुत महान
अनेकता में एकता की जान,
भाईचारा,सौहार्द,समभाव
का,हर भारतीय गाता गान,
धरमनिरपेक्ष यह राष्ट्र हमारा
यह देश हमारा है हिन्दुस्तान।

मेरा भारत है बहुत महान
खेल,कलाओं से पहचान,
सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है हमारी
यही भारत का रहा सम्मान।
विश्व गुरू और सोन चिड़िया
रही सदा भारत की पहचान॥

परिचय–संजय गुप्ता साहित्यिक दुनिया में उपनाम ‘देवेश’ से जाने जाते हैं। जन्म तारीख ३० जनवरी १९६३ और जन्म स्थान-उदयपुर(राजस्थान)है। वर्तमान में उदयपुर में ही स्थाई निवास है। अभियांत्रिकी में स्नातक श्री गुप्ता का कार्यक्षेत्र ताँबा संस्थान रहा (सेवानिवृत्त)है। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप समाज के कार्यों में हिस्सा लेने के साथ ही गैर शासकीय संगठन से भी जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता,मुक्तक एवं कहानी है। देवेश की रचनाओं का प्रकाशन संस्थान की पत्रिका में हुआ है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जिंदगी के ५५ सालों के अनुभवों को लेखन के माध्यम से हिंदी भाषा में बौद्धिक लोगों हेतु प्रस्तुत करना है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-तुलसीदास,कालिदास,प्रेमचंद और गुलजार हैं। समसामयिक विषयों पर कविता से विश्लेषण में आपकी  विशेषज्ञता है। ऐसे ही भाषा ज्ञानहिंदी तथा आंगल का है। इनकी रुचि-पठन एवं लेखन में है।

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