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नटखट गोपाल

विजय कुमार
मणिकपुर(बिहार)

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भोला-भाला तेरा लाल
जैसे हो गिरधर गोपाल,
आँगन में करता है कमाल…
संभाल यशोदा अपना लाल।

नटखट बहुत सयाना है
माखन चोर बेगाना है,
हाथ न आने वाला है…
छलिया बहुत दीवाना है।

कृष्ण कन्हैया संग ग्वाल-बाल
मिलकर करे मटकी पर धमाल,
अब बताओ बाबा नन्दलाल…
कहाँ है तेरा गिरधर गोपाल।

आज पड़ा है गोपीयन से वास्ता
देख सुदामा छलिया है तेरा यार।
एक बार समझ लो,
वरना हो जायेगा बवाल॥

परिचय–विजय कुमार का बसेरा बिहार के ग्राम-मणिकपुर जिला-दरभंगा में है।जन्म तारीख २ फरवरी १९८९ एवं जन्म स्थान- मणिकपुर है। स्नातकोत्तर (इतिहास)तक शिक्षित हैं। इनका कार्यक्षेत्र अध्यापन (शिक्षक)है। सामाजिक गतिविधि में समाजसेवा से जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता एवं कहानी है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा जानने वाले विजय कुमार की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक समस्याओं को उजागर करना एवं जागरूकता लाना है। इनके पसंदीदा लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ हैं। प्रेरणा पुंज-खुद की मजबूरी है। रूचि-पठन एवं पाठन में है।

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