कुल पृष्ठ दर्शन : 217

You are currently viewing परवाह करो हर बूँद की

परवाह करो हर बूँद की

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’
इन्दौर(मध्यप्रदेश)
************************************

ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष…

वो बूँदें बह चुकी है,
बर्बाद हो उठी है
ज़मीन की वो भीनी-सी नमी,
गुज़रे दौर की बात हो उठी है।
वो सूखते दरिया,
वो सिमटते दरख्त
वो सुलगते जंगल,
अल-नीनो है सख्त।
कहीं बाढ़ से ग्रस्त,
कहीं सूखे से त्रस्त
बूँद-बूँद कह रही,
तुम लापरवाही में मस्त।
परवाह करो हर बूँद की,
धरा की यह पुकार है
समेट लो हर कतरे को,
प्रकृति की यह ललकार है।
सहेज लो हर बूंद को,
समय की यह दरकार है…॥

परिचय-डॉ. वंदना मिश्र का वर्तमान और स्थाई निवास मध्यप्रदेश के साहित्यिक जिले इन्दौर में है। उपनाम ‘मोहिनी’ से लेखन में सक्रिय डॉ. मिश्र की जन्म तारीख ४ अक्टूबर १९७२ और जन्म स्थान-भोपाल है। हिंदी का भाषा ज्ञान रखने वाली डॉ. मिश्र ने एम.ए. (हिन्दी),एम.फिल.(हिन्दी)व एम.एड.सहित पी-एच.डी. की शिक्षा ली है। आपका कार्य क्षेत्र-शिक्षण(नौकरी)है। लेखन विधा-कविता, लघुकथा और लेख है। आपकी रचनाओं का प्रकाशन कुछ पत्रिकाओं ओर समाचार पत्र में हुआ है। इनको ‘श्रेष्ठ शिक्षक’ सम्मान मिला है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। लेखनी का उद्देश्य-समाज की वर्तमान पृष्ठभूमि पर लिखना और समझना है। अम्रता प्रीतम को पसंदीदा हिन्दी लेखक मानने वाली ‘मोहिनी’ के प्रेरणापुंज-कृष्ण हैं। आपकी विशेषज्ञता-दूसरों को मदद करना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिन्दी की पताका पूरे विश्व में लहराए।” डॉ. मिश्र का जीवन लक्ष्य-अच्छी पुस्तकें लिखना है।

Leave a Reply