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खुदगर्ज नहीं

क्रिश बिस्वाल
नवी मुंबई(महाराष्ट्र)
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लिबास काला,आवाज़ काली,
मैं अंधेरे का प्रतीक हूँ
लिबास काला,आवाज़ काली,
मैं अंधेरे का प्रतीक हूँ।
तुम सब राम बन जाओ,
मैं रावण ही ठीक हूँ
क्योंकि,मैं तुम जैसा खुदगर्ज नहीं हूँ,
इसलिए बहन के लिए,
भगवान से भी लड़ने के काबिल हूँ।
राम ने नहीं मुझको मारा,
मैं तो मृत्युंजय हूँ
हर वर्ष एक राम आकर है मुझको मारता,
फिर भी मैं हर जगह हर वर्ष,
हूँ आ बसता।
मिले हैं मुझे ये वरदान,
जिससे है मेरे पास भगवान,
हैवान और वेदों का ज्ञान॥

परिचय-क्रिष बिस्वाल का साहित्यिक नाम `ओस` है। निवास महाराष्ट्र राज्य के जिला थाने स्थित शहर नवी मुंबई में है। जन्म १८ अगस्त २००६ में मुंबई में हुआ है। मुंबई स्थित अशासकीय विद्यालय में अध्ययनरत क्रिष की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति की भावना को विकसित करना है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैं। काव्य लेखन इनका शौक है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-‘हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।’

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