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हमारी आन तिरंगा

अनिल कसेर ‘उजाला’ 
राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)
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तिरंगा हमारी आन है,
हिन्दुस्तान की पहचान है।
जिसकी रक्षा के के लिए,
तैयार हर जवान है।
भारत माँ की खातिर माँ,
बेटों को करती कुर्बान है।
आँच न आए वतन पे,
तत्पर रहते देने अपनी जान है।
नेता,शेखर और भगतसिंह,
भारतीयों की शान है।
जब-जब जिसने आँख उठाई,
मिट गए उनके निशान है।
हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई,
बसता दिल में सबके हिन्दुस्तान है।
अलग-अलग जाति-धरम,
पर भारत माँ की हम सब संतान हैं।
तिरंगा हमारी आन है,
हिन्दुस्तान की पहचान है॥

परिचय –अनिल कसेर का निवास छतीसगढ़ के जिला-राजनांदगांव में है। आपका साहित्यिक उपनाम-उजाला है। १० सितम्बर १९७३ को डोंगरगांव (राजनांदगांव)में जन्मे श्री कसेर को हिन्दी,अंग्रेजी और उर्दू भाषा आती है। शिक्षा एम.ए.(हिन्दी)तथा पीजीडीसीए है। कार्यक्षेत्र-स्वयं का व्यवसाय है। इनकी लेखन विधा-कविता,लघुकथा,गीत और ग़ज़ल है। कुछ रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-सच्चाई को उजागर करके कठिनाइयों से लड़ना और हिम्मत देने की कोशिश है। प्रेरणापुंज-देशप्रेम व परिवार है। सबके लिए संदेश-जो भी लिखें,सच्चाई लिखें। श्री कसेर की विशेषज्ञता-बोलचाल की भाषा व सरल हिन्दी में लिखना है।

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