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प्रीत के पावन भाव प्रिये

सुदामा दुबे 
सीहोर(मध्यप्रदेश)

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लिए हुए वो प्रीत के पावन भाव प्रिये,
खड़ा अटल-सा पथ में अपने पाँव प्रिये।

चटक सिंदूरी से तन पर उसके बाने,
ठंडी शीतल-सी है उसकी छाँव प्रिये।

नेह करें वो तुमसे बिल्कुल निर्मल-सा,
लैश ना राखे वो कोई दुराव प्रिये।

भूल जाएगा अपने सारे रंजो गम,
भर जाएंगें उसके सारे घाव प्रिये।

अल्हड़ अलबेला-सा है वो गुलमोहर,
बुला रहा है तुमको अपने गाँव प्रिये॥

परिचय: सुदामा दुबे की की जन्मतिथि ११ फरवरी १९७५ हैl आपकी शिक्षा एम.ए.(राजनीति शास्त्र)है l सहायक अध्यापक के रूप में आप कार्यरत हैं l श्री दुबे का निवास सीहोर(मध्यप्रदेश) जिले के बाबरी (तहसील रेहटी)में है। आप बतौर कवि काव्य पाठ भी करते हैं। लेखन में कविता,गीत,मुक्तक और छंद आदि रचते हैंl

 

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