जसवीर सिंह ‘हलधर’
देहरादून( उत्तराखंड)
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लिखना मेरी मजबूरी है,
सरकारी ध्यान जरुरी है।
कोरोना से लड़ने वाली,
तैयारी अभी अधूरी है॥
जनता अब सारी रूठी है,
क्यों उसकी किस्मत फूटी है।
सरकारी दावों की देखो,
अब डोर हाथ से छूटी है।
इस कोरोना से लड़ने को,
सबका प्रयास जरूरी है…॥
सत्ताधारी सब मौज करें,
रैली करने से नहीं डरें।
कोरोना घातक हुआ बहुत,
पर ये सत्ता की खोज करें।
बीमार मरीजों से ही क्यों,
औषधि ने कर ली दूरी है…॥
विज्ञापन में बजते गाने,
नर्सों पे मास्क-न दस्ताने।
है सुविधाहीन चिकित्सक भी,
रोते बिन साधन के थाने।
सच्चा दो दिन से प्यासा है,
झूंठे के पास अँगूरी है…॥
क्यों निजी चिकित्सक सोए हैं,
जो सरकारों ने बोए हैं।
इनकी भी भागीदारी हो,
किस गफलत में वो खोए हैं।
संयम से जीतेंगे इससे,
‘हलधर’ का देश जम्हूरी है…॥
कोरोना से लड़ने वाली,
तैयारी अभी अधूरी है…॥