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गर्व है कि तुम नारी हो

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’
मुंबई(महाराष्ट्र)

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महिला दिवस स्पर्धा विशेष……

जज्बातों और मर्यादाओं के भावों में,
कब तक यूँ ही पिसती जाएगी…
अपने दमन का इल्ज़ाम कब तक!
यूँ खुद के माथे मड़ती जाएगी।

उजियाला लाने को भाग्य विधाता की,
राह कब तक यूँ लखती जाएगी…
मर्दों की अंगुली थामे,
कब तक यूँ जीवन जीती जाएगी।

खुद्दारी,शौर्य और सफलता का,
पाठ पढ़ाने वाली कब तक…
थक-थक कर,रुक-रुक कर,
यूँ निरर्थक जीवन गंवाएगी।

करती हूँ अब प्रश्न तुमसे,
यूँ निरर्थक बैठ क्या हासिल कर पाओगी…
औरों में उम्मीद,हौंसला जगाने वाली,
तू प्रयास तो कर एक बार।

तेरी हर कोशिश का परिणाम,
स्वयं ही आएगा…
उम्मीद ही नहीं,है पूर्ण विश्वास मुझे तुम पर,
अब मुल्क में बदलाव सिर्फ तुम्हीं से आएगा।

तोड़ बंदिशें और दीवारें,
हर पिंजरे की…
धरती से उस अम्बर तक,
अपनी जगह स्वयं बनाओगी।

गर्व होता है कि तुम नारी हो,
अपने स्नेह,त्याग और तपस्या से…
हर हिस्से में जीवन के,
अपनी खास पहचान बनाओगी।

भारत के आने वाले कल का,
भविष्य तुम्हीं रचाओगी।
गर्व होता है कि तुम नारी हो,
निःसंदेह,नव इतिहास बनाओगी॥

परिचय-डॉ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैL जन्म तिथि १२ अगस्त १९८० तथा जन्म स्थान दिल्ली हैL श्रीमती अलापुरिया का निवास नवी मुंबई के ऐरोली में हैL महाराष्ट्र राज्य के शहर मुंबई की वासी ‘हेमाक्ष’ ने हिंदी में स्नातकोत्तर सहित बी.एड.,एम.फिल (हिंदी) की शिक्षा प्राप्त की है,और पी-एच.डी. की उपाधि ली है। आपका कार्यक्षेत्र मुंबई स्थित निजी महाविद्यालय हैL रचना प्रकाशन के तहत आपके द्वारा ‘हिंदी के श्रेष्ठ बाल नाटक’ पुस्तक का प्रकाशन तथा आन्दोलन,किन्नर और संघर्षमयी जीवन….! तथा मानव जीवन पर गहराता ‘जल संकट’ आदि विषय पर लिखे गए लेख कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैंL हिंदी मासिक पत्रिका के स्तम्भ की परिचर्चा में भी आप विशेषज्ञ के रूप में सहभागिता कर चुकी हैंL आपकी प्रमुख कविताएं-`आज कुछ अजीब महसूस…!` ,`दोस्ती की कोई सूरत नहीं होती…!`और `उड़ जाएगी चिड़िया`आदि को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्थान मिला हैL यदि सम्म्मान देखें तो आपको निबन्ध प्रतियोगिता में तृतीय पुरस्कार तथा महाराष्ट्र रामलीला उत्सव समिति द्वारा `श्रेष्ठ शिक्षिका` के लिए १६वा गोस्वामी संत तुलसीदासकृत रामचरित मानस,विश्व महिला दिवस पर’ सावित्री बाई फूले’ बोधी ट्री एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से जीवन गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा में लेखन कार्य करके अपने मनोभावों,विचारों एवं बदलते परिवेश का चित्र पाठकों के सामने प्रस्तुत करना हैL

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