ज्ञान भी-सम्मान भी’ प्रतियोगिता को मिला बेहतर प्रतिसाद

मुम्बई (महाराष्ट्र)। प्रतियोगी युग की प्रतियोगिताओं की श्रृंखला में एक अनोखी और नई पहल है 'ज्ञान भी,सम्मान भी।' इस प्रतियोगिता का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद महिला प्रकोष्ठ,मुंबई जिला (महाराष्ट्र) द्वारा…

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गर्व है कि तुम नारी हो

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… जज्बातों और मर्यादाओं के भावों में,कब तक यूँ ही पिसती जाएगी…अपने दमन का इल्ज़ाम कब तक!यूँ खुद के माथे मड़ती जाएगी।…

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अपने जमाने की बात

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* अपने जमाने की बात ही,कुछ खास हुआ करती थीमोहल्ले की हर औरत चाची,ताई,और मामी हुआ करती थीगली का हर मकान,अपना ही घर हुआ करता था।…

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जब परसती थी माँ खाना

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* जब परसती थी माँ खाना…थाली-थाली को ले झड़प हो जाया करती थी।देख नोंक-झोंक माँ हमारी,कुछ आड़ी तिरछी-सी भौं…उनकी चढ़ जाया करती थी।हो जाता था जब…

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चीन तेरा कैसा रवैया

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* कभी नीम-नीम,कभी शहद-शहद…चीन तेरा रवैया। चुभती है तुझको हमारी कामयाबी,मशीनी कलपुर्जे तू क्या…बाजूओं के दम को पहचान पाएगा। पड़ोसी होकर भी,तू कट्टर दुश्मन कहलाएगा…भाई-भाई के…

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छोटा हूँ…!

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* छोटा हूँ, मगर ख्वाब मेरे भी हैं ज्यादा नहीं,थोड़े ही हैं, अब सोच रहे होंगे आप! डॉक्टर,वकील या इंजीनियर नहीं-नहीं...एकदम गलत! मैं जीना चाहता…

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निपटारा

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* दरवाजे पर किसी ने थी घंटी बजाई, हमने भी पुरजोर बेटे को आवाज थी लगाई, दिया आदेश दरवाजा खोलने का... दरवाजा उघेड़ा तो, सामने…

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जागते रहो!

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* "चौकीदार चाचा नमस्ते,कैसे हो ?" "अरे,बिटिया कब आए ससुराल से ? (थोड़ा रुक कर),सब बढ़िया है तुम्हारे परिवार में ?" "हाँ चाचा सब बढ़िया…

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हमारी हिंदी

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. आओ मिलाऊँ हमारी 'हिंदी' से, भोली-भाली,प्यारी-प्यारी हमारी हिंदी। संस्कृत की लाड़ली बेटी हमारी 'हिंदी, बड़ी सुगम,सरल,सहज, और मिस्री से मीठी…

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