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कभी प्यार

सुश्री नमिता दुबे
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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काव्य संग्रह हम और तुम से….

प्रिये,तुम उस दिन अपने में डूबी,
शीतल बयार की सिहरन में सिकुड़ी बैठी
किसी ख्वाब की तरह स्वेटर बुन रही थी।
मेरे आने से,तुम सकुचा गई थी,
प्यार की गहरी लालिमा
तुम्हारे चेहरे पर छा गई थी।
मैं मुस्करा रहा था,तुम लजा रही थी,
किसी तरह तुमने समेटा
अधबुना स्वेटर,
और आँखों ही आँखों में बहुत कह डाला।
फिर चला हम दोनों की दीवानगी का सिलसिला,
कभी शिकवा-कभी गिला
कभी झूठी तकरार,
कभी प्यार भरी मनुहार
वादों-इरादों की बौछार।
और फिर,सप्त पदी के स्वर,
मन्त्रों का उच्चार,
रस्मों-रिवाज़ों के साथ
हमने रचा नया संसार।
तुम बनी सुधा-धारा,
अमृत आँगन में बरसा।
दु:ख दूर कोने में रोया,
हमने सुख को बोया।
मधुर स्मृति के उपहार संजोए,
उन्हें ही बढ़ते जाना है…
हमें अपने प्यार पर सदा इठलाना है॥

परिचय : सुश्री नमिता दुबे का जन्म ग्वालियर में ९ जून १९६६ को हुआ। आप एम.फिल.(भूगोल) तथा बी.एड. करने के बाद १९९० से वर्तमान तक शिक्षण कार्य में संलग्न हैं। आपका सपना सिविल सेवा में जाना था,इसलिए बेमन से शिक्षक पद ग्रहण किया,किन्तु इस क्षेत्र में आने पर साधनहीन विद्यार्थियों को सही शिक्षा और उचित मार्गदर्शन देकर जो ख़ुशी तथा मानसिक संतुष्टि मिली,उसने जीवन के मायने ही बदल दिए। सुश्री दुबे का निवास इंदौर में केसरबाग मार्ग पर है। आप कई वर्ष से निशक्त और बालिका शिक्षा पर कार्य कर रही हैं। वर्तमान में भी आप बस्ती की गरीब महिलाओं को शिक्षित करने एवं स्वच्छ और ससम्मान जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। २०१६ में आपको ज्ञान प्रेम एजुकेशन एन्ड सोशल डेवलपमेंट सोसायटी द्वारा `नई शिक्षा नीति-एक पहल-कुशल एवं कौशल भारत की ओर` विषय पर दिए गए श्रेष्ठ सुझावों हेतु मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा और कौशल मंत्री दीपक जोशी द्वारा सम्मानित किया गया है। इसके अलावा श्रेष्ठ शिक्षण हेतु रोटरी क्लब,नगर निगम एवं शासकीय अधिकारी-कर्मचारी संगठन द्वारा भी पुरस्कृत किया गया है।  लेखन की बात की जाए तो शौकिया लेखन तो काफी समय से कर रही थीं,पर कुछ समय से अखबारों-पत्रिकाओं में भी लेख-कविताएं निरंतर प्रकाशित हो रही है। आपको सितम्बर २०१७ में श्रेष्ठ लेखन हेतु दैनिक अखबार द्वारा राज्य स्तरीय सम्मान से नवाजा गया है। आपकी नजर में लेखन का उदेश्य मन के भावों को सब तक पहुंचाकर सामाजिक चेतना लाना और हिंदी भाषा को फैलाना है।

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