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महामहिम कार्यालय से संघ की राजभाषा नीति के अनुपालन का अनुरोध

मुंबई(महाराष्ट्र)।

राष्ट्रपति सचिवालय से हिन्दी में प्रेस विज्ञप्तियाँ जारी नहीं की जा रही हैं,न ही वेबसाइट पर प्रकाशित की जा रहीं हैं। राष्ट्रपति सचिवालय में धारा ३(३) का उल्लंघन भी हमेशा किया जाता है। इसे लेकर महामहिम कार्यालय से संघ की राजभाषा नीति के अनुपालन का अनुरोध करते हुए पत्र लिखा गया हैl

महोदय,
राष्ट्रपति सचिवालय से हिन्दी में प्रेस विज्ञप्तियाँ जारी नहीं की जा रही हैं और न ही वेबसाइट पर प्रकाशित की जा रहीं हैं। राष्ट्रपति सचिवालय में धारा ३(३) का उल्लंघन भी हमेशा किया जाता है।
-१९ अगस्त २०२० को सचिवालय द्वारा अंतिम बार हिन्दी में भारत के राष्ट्रपति ने डॉ. शंकर दयाल शर्मा की जयंती पर उनके चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की शीर्षक से विज्ञप्ति वेबसाइट पर प्रदर्शित (अपलोड) की गई थी। उसके बाद से ४ महीनों से एक भी विज्ञप्ति हिन्दी में प्रदर्शित नहीं की गई है।
-राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा कभी भी हिन्दी विज्ञप्तियाँ पत्र सूचना कार्यालय को नहीं भेजी जाती हैं,हिन्दी में जारी विज्ञप्तियाँ अंग्रेजी की मूल विज्ञप्ति के साथ ही पत्र सूचना कार्यालय को भेजने का निर्देश दें।
-पत्र-सूचना कार्यालय (पसूका) ने सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन ६ मई २०१३ को लगाए गए आवेदन के उत्तर में बताया था कि गृह मंत्रालय का मासिक रिपोर्ट कार्ड एवं संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा परिणाम के अलावा अन्य किसी भी सरकारी विभाग,आयोग, मंत्रालय कार्यालय से हिन्दी में विज्ञप्ति नहीं आती हैl केवल अंग्रेजी में विज्ञप्तियाँ उनके पास आती हैंl यहाँ तक कि,प्रधानमंत्री कार्यालय, लोकसभा सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से भी विज्ञप्तियाँ हिंदी में जारी नहीं की जाती हैं। नवीनतम् पत्र ९ नवम्बर २०२० (संलग्न) के माध्यम से पत्र सूचना कार्यालय ने बताया है कि,१ अप्रैल २०२० से ३० सितम्बर २०२० की अवधि में उसे ४५५४ प्रेस विज्ञप्तियाँ केवल अंग्रेजी भाषा में प्राप्त हुईl
-राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा सभी निविदाएँ केवल अंग्रेजी में जारी की जाती हैं,यह उल्लंघन लगातार जारी है।
-राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा सभी भर्ती सूचनाएँ केवल अंग्रेजी में जारी की जाती हैं,यह उल्लंघन लगातार जारी है।
-राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा राजभाषा नियमावली के नियम ११ का उल्लंघन भी किया जाता है,अधिकारियों की रबर मुहरें,पत्रशीर्ष, शिलापट,बैनर आदि केवल अंग्रेजी में तैयार करवाए जाते हैंl यह उल्लंघन लगातार जारी है।

भवदीय

प्रवीण कुमार जैन

नवी मुम्बई(महाराष्ट्र)भारत

(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन,मुम्बई)

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