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सावन मास निराला

रेणू अग्रवाल
हैदराबाद(तेलंगाना)
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सावन आता है बहार लेकर,
फ़ूल ख़िलते गुलज़ार बनकर।
रँग-बिरंगी फ़िज़ा हो जाती-
आती बारिश भी ख़ूब छनकर॥

गया पूरा महीना शिव पूजन में,
कावड़िये चले हो मगन भजन में।
दूर नंगे पाँव चले थकते नहीं-
भक्ति शक्ति संग सजन लिए॥

ख़ुश करो शिव को मांगो वरदान,
पति मिले जैसे हो भगवान।
माँ जगदम्बे की पूजा नित करिए-
अब तो जान ए मानव नादान॥

सइयाँ मिले जब मनपसंद का,
दिल उछले तब समंदर सम सा।
झूला झूले संग राधे कृष्णा-
आया सावन भरे सुगंध-सा॥

सखियाँ आई सब तीज मनाई,
सबके हाथन मेहंदी है रचाई ।
झूला झूले गीत गाए घूम आते-
देखे दर्पण खुद को ख़ूब सजाई॥

सोलह सिंगार करे सुहागन,
देखे बाड़ कबहुँ आते साजन।
लाल साड़ी सर माथे घूँघट-
ओढ़ चुनरिया लगे मनभावन॥

सावन मास होता निराला,
प्रेम पूजिता होता मतवाला।
करें शिव शक्ति की भक्ति-
सबका मन हो जाए शिवाला॥

नई दुल्हन बाबुल घर जाए,
नाचे गावे माँ सखियन लुभाए।
गाँव-गाँव में चर्चा चलती-
सावन ख़त्म लो पिया लेवन आए॥

सावन की पूर्णिमा आती,
बहना संग ले राखी आती।
भैया को बांध के राखी-
पीहर को दे दुआ है आती॥

सावन का क्या ही कहना,
ये सब मासों का गहना।
न सर्दी न गर्मी सताए-
पी बिन भी पड़े है रहना॥

परिचय-रेणू अग्रवाल की जन्म तारीख ८ अक्टूबर १९६३ तथा जन्म स्थान-हैदराबाद है। रेणू अग्रवाल का निवास वर्तमान में हैदराबाद(तेलंगाना)में है। इनका स्थाई पता भी यही है। तेलंगाना राज्य की वासी रेणू जी की शिक्षा-इंटर है। कार्यक्षेत्र में आप गृहिणी हैं। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज में शाखा की अध्यक्ष रही हैं। लेखन विधा-काव्य(कविता,गीत,ग़ज़ल आदि) है। आपको हिंदी,तेलुगु एवं इंग्लिश भाषा का ज्ञान है। प्रकाशन के नाम पर काव्य संग्रह-सिसकते एहसास(२००९) और लफ़्ज़ों में ज़िन्दगी(२०१६)है। रचनाओं का प्रकाशन कई पत्र-पत्रिकाओं में ज़ारी है। आपको प्राप्त सम्मान में सर्वश्रेष्ठ कवियित्री,स्मृति चिन्ह,१२ सम्मान-पत्र और लघु कथा में प्रथम सम्मान-पत्र है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-गुरुजी से उज्जैन में सम्मान,कवि सम्मेलन करना और स्वागत कर आशीर्वाद मिलना है। रेणू जी की लेखनी का उद्देश्य-कोई रचना पढ़कर अपने ग़म दो मिनट के लिये भी भूल जाए और उसके चेहरे पर मुस्कान लाना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-हर हाल में खुशी है। विशेषज्ञता-सफ़ल माँ और कवियित्री होना है,जबकि रुचि-सबसे अधिक बस लिखना एवं पुरानी फिल्में देखना है।

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