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सामाजिक दूरी ही बचाएगी हमें कोरोना से

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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कोरोना से पूरी दुनिया पीड़ित है और हमारे यहाँ संख्या ६ लाख तक पहुंच चुकी है,लेकिन अभी तक तमाम प्रयासों के बावजूद भी इसका कोई ठोस इलाज उपलब्ध नहीं हुआ है।
हमारी सरकारें यानि केन्द्र के साथ राज्य सरकारों ने भी तालाबन्दी को खोल दिया है,जिसके चलते लोग घरों से बाहर निकलने लगे और लापरवाही भी देखने में आ रही है। इसलिए विषाणु के तेजी से फैलते संक्रमण को ध्यान में रख कर सामाजिक दूरी की पालना पर सभी जोर दे रहे हैं। वैसे हमारे लिए तो इसका अर्थ यही है कि,आपस में मिलने-जुलने या सामाजिक आयोजनों का हिस्सा बनने से बचना यानि एक-दूसरे से दूर रहना,लेकिन वास्तव में इसका अर्थ इससे कहीं व्यापक है।
यानी केवल सामाजिक रूप से दूरी के अलावा भी अनेक तरह की दूरी को समझना आवश्यक है-
हर उस जीवित या निर्जीव वस्तु से दूरी है,जिसे आप नहीं जानते हैं। जहाँ-जहाँ सम्भव हो,यानि खासकर दफ्तर,दुकान,पूजा स्थल (यानि मन्दिर वगैरह) तथा मॉल में प्रवेश और निकासी के लिए अलग द्वार हों,ताकि एकदम पास से न निकलना पड़े। आपको क्या पता सड़क और या सीढ़ियों पर जिस रैलिंग को आप छू रहे हैं, उसे किसी संक्रमित व्यक्ति ने आपसे पहले छुआ है या नहीं,इसलिए किसी भी वस्तु को छूने की सख्त मनाही होl ऐसे ही बैंक में,किसी के कार्यालय या दुकान पर जिस टेबल या डेस्क का सहारा लेकर आप खड़े हो जाते हैंl उसको पहले किसी संक्रमित व्यक्ति ने छुआ है या नहीं,यह आप नहीं जानते,इसलिए इनका सहारा न लेंl बाहर जाकर किसी भी सतह पर आप बिना सोचे-समझे बैठ जाते हैं,आपको क्या पता पहले वहां कौन बैठा था,या किसी संक्रमित व्यक्ति की बूंद वहां गिरी हैं,या नहीं,इसलिए किसी भी जगह बैठना बन्द कर दें। नीचे जमीन पर और सीढ़ियों पर तो बिल्कुल ना बैठें। इसी तरह,घर पर भी मेहमान या रिश्तेदार आएंगे ही,तब आप मुँह पट्टी पहन कर दो गज की दूरी से ही उनका आदर-सत्कार करें। अब अभिवादन का तरीका भी नमस्कार हो गया है,अतः दूर से ही आपस में औपचारिकता निभाएं, ताकि सामाजिक दूरी का पालन हो जाए। कहीं भी जाए तो लिफ्ट का उपयोग ना करें। अगर कोई चालक है,तभी लिफ्ट का उपयोग करें,वैसे थोड़ा सीढ़ियां चढ़ लेंगे तो स्वस्थ रहेंगे।
कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि,विषाणु अब २ व्यक्तियों के संपर्क से भी ज्यादा किसी सतह को अनजाने में छूने से ज्यादा फैल रहा है। इसलिए दूरी बनाए रखने के साथ-साथ अनजानी चीज़ या सतह को छूने से बचें। अगर छू भी लिया,तो तुरंत हाथ धोएं।

कई कोरोना संक्रमित लोगों ने बताया कि,हम तो सब नियम पालते थे,पर जब उनसे सामाजिक दूरी का सही मतलब पूछा तब उन्हें पता चला कि, वो क्या गलती कर रहे थे। याद रहे कि,इन बातों को अपनाकर ही आने वाले समय में पूर्ण रूपेण सुरक्षित तरीक़े से जीवन बिता सकेंगे।

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