‘अटल’ कविताएँ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. अटल बिहारी नाम,देश के सच्चे नेता।अनुपम सारे कर्म,जगत के श्रेष्ठ प्रणेता।कवि कहलाते श्रेष्ठ,सृजन अनुपम लिख छोड़ा।जनहित अरु उत्थान,प्रेम से सबको जोड़ा।शब्द-शब्द में जोश है,कविता सब अनमोल है।सत्य पथिक बनकर चलें,सुंदर उनके बोल हैll देशभक्ति का भाव,सृजन में उनके बसता।उनकी थी बस चाह,देश में … Read more

सकल जगत की शान

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** प्रेमचंद जी को नमन,सकल जगत की शान। अनुपम सभी कहानियाँ,देते सुंदर ज्ञानll उपन्यास में सार है,सुंदर नव संदेश। अंतर मन भी तृप्त हो,पढ़कर मिटता क्लेशll अनुपम सारी पटकथा,सुंदर सारे पात्र। अनुपम सभी निबंध जो,पढ़ते अब भी छात्रll नेक विचारक देश के,कहता सकल समाज। तोड़ो सभी कुरीतियाँ,यही रहा आगाजll नेक कहानी प्रेरणा,रचा … Read more

मेरा सुंदर गाँव निराला

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरा सुंदर गाँव निराला। हर्षित मन को करने वाला।शुद्ध हवा जो निसदिन आये। तन-मन को सब शुद्ध बनाये॥ पंक्षी मधुरिम गीत सुनाते। चीं-चीं करके हृदय लुभाते।निर्मल वातावरण लुभाता। सेहत सबके मन को भाता॥ गोबर के कंडे से जानो। धुँआ मारता मच्छर मानो।घर-आँगन है मन को भाता। गोबर से जब है लिप … Read more

भारत के सच्चे सेनानी

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** भारत के सच्चे सेनानी,सबका मान बढ़ाते हैं,रण पर कुर्बानी से अपने,झण्डा वो फहराते हैं। हैं शहीद कितने भारत में,कितना रक्त बहाया है,हिंदुस्तान की शान-बान में,मर कर फर्ज निभाया है,साहस रखकर फर्ज निभाते,दुश्मन मार गिराते हैं,रण पर कुर्बानी से अपने,झण्डा वो फहराते हैं। घर पर बैठी घरवाली जो,अपना फर्ज निभाती है,बच्चे उनके … Read more

प्रियतम आओ

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** नीर नयन से बहते मेरे,झड़ी लगी ज्यों सावन की।ऐसा लगता है प्रिय मुझको,बीते घड़ी सुहावन की। प्रियतम अब तो आ भी जाओ,दिल में है अरमान भरे।क्यों तुझको ये समझ न आए,…..रहते हो क्यों सदा परे।हृदय भाव को समझो प्रियतम,प्रियसी मैं मनभावन की।नीर नयन से बहते मेरे,झड़ी लगी ज्यों सावन की…॥ मन … Read more

चलो गाँव की ओर

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** चाह अगर सुंदर जीवन की,चलो गाँव की ओर।चीं चीं करके गीत सुनाती,चिड़ियों का हो शोर। कलकल बहती नदियाँ सुंदर,सुन लो सुंदर राग,हरी वादियाँ हृदय लुभाती,सुंदर होली फाग।कभी प्रदूषण नहीं घेरता,उठकर देखों भोर,चाह अगर सुंदर जीवन की,चलो गाँव की ओर…॥ संस्कार की राह है चलते,मीठे उनके बोल,मेहनत से कभी हार न मानेदेखो … Read more

अनुशासन का पालन कर लें

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** अनुशासन के पालन से ही,नवपरिवर्तन आएगा।डरो नहीं अब कोरोना से,रोग दूर हो जाएगा। मिथ्या बातें छोड़ सभी को,मानवता को लाना है,सर्तकता का ध्यान धरें ये,नित्य हमें अपनाना हैlजब अनुशासित मानुष होगा,कीटाणु पनप न पाएगा,अनुशासन के पालन से ही,नवपरिवर्तन आएगा…ll देह संक्रमित कभी न होवें,सब रहे सावधानी से,सेनेटाइज रखना होगा,भूल न हो … Read more

माँ ही ज्ञानी

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ज्ञानी निर्मल बोलते,उनका है गुणगान।कठिन राह भी सरल हो,ऐसा देते ज्ञान।ऐसा देते-ज्ञान निरन्तर,पथ दिखलाएँ।गिरते पथ पर,मानुष को वे,राह बताएँ।आशा कहती,कभी न होवें,हम अभिमानी।धारण कर लें,सहज वचन जो,बोलें ज्ञानी। ज्ञानी गंगा है कहे,जिसको जग संसार।माँ की ममता नेक है,नेक हृदय का सार।नेक हृदय का-सार ज्ञान वो,प्रथम सिखाती।देती शिक्षा,सही गलत की,राह बताती।‘आशा’ कहती,इस … Read more

बाल मन का कौतूहल

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ पिताजी एक सन्दूक नुमा यंत्र लाये,उसे घर लाकर उन्होंने ऊंचे स्थान पर टांग दिया तथा एक लंबी-सी चमकदार डंडी खींची तो वह लम्बी हो गयी। फिर एक तारों वाली जाली घर के बाहर दो खूंटियों पर बांध उसमें एक तार बांधकर उसे लम्बी डंडी के ऊपरी छोर पर लपेट … Read more

महिला अत्याचार-हैंडल और पाने..सोच बदलने की जरुरुत

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ पुनः समाचार पत्रों में एक हृदयविदारक घटना पढ़ने को मिली। शल्यक्रिया में मोटर साईकल का हैंडल निकला और कोख को भी निकालना पड़ा….l निर्भया कांड हम अभी भी भूले नहीं हैं। पूर्व में भी महिला अत्याचार,हत्या के क्रूरतम तरीके देखने सुनने और पढ़ने को मिले हैं। ऐसा लगातार हो … Read more