कुल पृष्ठ दर्शन : 248

You are currently viewing सभी नागरिक एक बराबर

सभी नागरिक एक बराबर

अमल श्रीवास्तव 
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

***********************************

ईश्वर ने एकात्म दृष्टि से,
मानव का निर्माण किया
सभी जनों को एक भाव से,
ही सारा अनुदान दिया।

हवा चल रही सदा-सदा से,
सबको वह मिल जाती है
कोई बोए,कोई काटे,
धरती फसल उगाती है।

सूरज अंतर कभी नहीं,
करता प्रकाश फैलाने में
बिल्कुल भेद नहीं करता है,
मेघ नीर बरसाने में।

बिना भेद हर छाँव पथिक के,
तन की थकन मिटाती है
कुटिया हो या रंग महल हो,
धूप,चाँदनी आती है।

कुआं,बावड़ी,नदी,सरोवर,
कोई भेद नहीं करते
सिंधु लहर है भेद रहित,
फल-फूल,वृक्ष खिलते रहते।

एक भूमि,आकाश एक है,
एक ग्रीष्म है सावन है
एक जगत,जगदीश एक है,
सृष्टि चक्र अति पावन है।

एक जगत,जगदीश एक है,
फिर यह भेद-भाव कैसा ?
पंथ,जाति,मजहब का सारा,
फिर यह दुष्प्रभाव कैसा ?

रही सदा मानवतावादी,
अपनी संस्कृति की धारा
मिलकर रहे हमेशा मंदिर,
मस्जिद,गिरजा,गुरुद्वारा।

फिर इसमें क्या,ऊंच-नीच,
सब अपने कौन पराया है ?
आपस में लड़ने-मरने का,
जहर कहां से आया है ?

जाति-पंथ की अलग-अलग,
सुविधाएं हमें लड़ाती हैं
भारत माता के सीने में,
मानो छुरी चुभाती हैं।

पहले ही हम बँटवारे की,
घोर त्रासदी झेल चुके
सत्ता के मद के मतवाले,
खेल घिनौना खेल चुके।

बहुत चल गई तुष्टिकरण की,
चाल न अब चलने देगें
राष्ट्र एक है,सभी एक हम,
खंड न अब करने देगें।

देश एक,कानून एक हो,
एक समान नागरिकता
लागू होनी शीघ्र चाहिए,
सिविल संहिता,समरसता।

जाति-पंथ,मजहब आधारित,
सारे झगड़े बंद करो।
सभी नागरिक एक बराबर,
यह आवाज बुलन्द करो॥

परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैL गणित विषय से बी.एस-सी.करने के बाद ३ विषयों (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैL आपने रामायण विशारद की भी उपाधि गीता प्रेस से प्राप्त की है,तथा दिल्ली से पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैL भारतीय संगीत में भी आपकी रूचि है,तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत में डिप्लोमा प्राप्त किया हैL इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स मुंबई द्वारा आयोजित परीक्षा `सीएआईआईबी` भी उत्तीर्ण की है। ज्योतिष में पी-एच.डी (स्वर्ण पदक)प्राप्त की हैL शतरंज के अच्छे खिलाड़ी `अमल` विभिन्न कवि सम्मलेनों,गोष्ठियों आदि में भाग लेते रहते हैंL मंच संचालन में महारथी अमल की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैL देश की नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंL रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैL आप विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हैंL आप अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बचपन से प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैं,परन्तु महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना है। देश की विभिन्न सामाजिक और साहित्यक संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आपको सम्मानों की संख्या शतक से भी ज्यादा है। आप बैंक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. अमल वर्तमान में बिलासपुर (छग) में रहकर ज्योतिष,साहित्य एवं अन्य माध्यमों से समाजसेवा कर रहे हैं। लेखन आपका शौक है।

Leave a Reply