राजनीतिक शुचिता की महती आवश्यकता

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* गुरु गोविंद सिंह जी हमेशा एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला की बात करते थे,आज के समय में माला का अर्थ है- धर्म…

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`अमल` को मिला `साहित्य प्रहरी` सम्मान

दिल्लीl ख्यात कवि,लेखक और समाजसेवी डॉ. शिव शरण `अमल` को फिर सम्मान मिला हैl सर्वोदय साहित्य मंच (दिल्ली) द्वारा आपको `साहित्य प्रहरी` सम्मान से विभूषित किया गया है। बता दें…

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शहीदों को श्रंद्धाजलि

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* घर का प्रणाम,परिवार का प्रणाम तुम्हें, गाँव,गली,खेत,खलिहान,का प्रणाम है। राह में रुके नहीं,और फर्ज से भी डिगे नहीं, मरते हुए भी किया ध्वज को प्रणाम है।…

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सैनिक की आवाज

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* मैं भारत माँ का बेटा हूँ, इसी का गान करता हूँ। धारा चंदन-सी पावन का, सदा सम्मान करता हूँ। मुझे चिंता न रहने की, न जीने…

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बसंत

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* मिटाए वेदना चित की, उसे हम संत कहते हैं। कला जीने की सिखलाए, उसे सदग्रंथ कहते हैं। कहीं पतझड़,कहीं मधुवन, ये तो बस ऋतु प्रवर्तन है।…

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धर्म सन्मार्ग दिखाता

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* नहीं युद्ध से कभी डरे हम, डरते हैं छल-छंदों से। कभी नहीं हारे दुश्मन से, हारे हैं जयचंदों से॥ धर्म सदा से,समता,शुचिता, सत्य,शील,सन्मार्ग दिखाता। धर्म हुआ…

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बलिदानी अलख जगाना होगा

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* आर्त नाद के गीत नहीं, अब गीत क्रांति के गाना होगा। मंत्र शांति का नहीं चला, अब रण का बिगुल बजाना होगा॥ कोने-कोने,गांव-गांव में, गली-गली,कूचे-कूचे में…

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हित का संरक्षण हो

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* जाति,धर्म का आरक्षण, आपस में बैर कराता है। निर्धन ज्यो का त्यों रहता है, धनिक वर्ग मुस्काता है॥ सत्तर सालों का अनुभव, क्या नहीं समझ में…

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जरा सोचो,जरा समझो

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* कोई पत्थर से घायल है, कोई डंडे से जख्मी है। ये कैसा दौर शिक्षा का, ये कैसी मौज-मस्ती है। मेरे भारत के जाबांजों, जरा सोचो,जरा समझो।…

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गुरु वंदन

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* कृपा गुरुदेव की मुझ पर, मुझे किस बात की चिंता। चरण रज पा लिया मैंने, तो फिर किस बात की चिंता॥ मेरे खाने की,पीने की, मेरे…

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