उत्तर-दक्षिण भाषा-सेतु के वास्तुकार मोटूरि सत्यनारायण

डॉ. अमरनाथ,कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)****************************** हिन्दी योद्धा-पुण्यतिथि विशेष… आजादी के आन्दोलन के दौरान गाँधी जी के साथ हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में विकसित करने का जिन लोगों ने सपना देखा और उसके लिए आजीवन निष्ठा के साथ संघर्ष किया उनमें मोटूरि सत्यनारायण ( २ फरवरी १९०२ से ६ मार्च१९९५) का नाम पहली पंक्ति में लिया … Read more

मातृभाषाओं को रोज़गार से जोड़ने वाले पहले वैज्ञानिक

डॉ. अमरनाथकलकत्ता (पश्चिम बंगाल)************************************* हिन्दी योद्धा:दौलत सिंह कोठारी(४ फरवरी पुण्यतिथि विशेष)… आजादी के बाद जब १९५० में संघ लोक सेवा आयोग की पहली बार परीक्षा हुई तो उसमें ३६४७ अभ्यर्थी शामिल हुए थे,जिनमें से २४० उत्तीर्ण हुए। १९७० में ११७१० बैठे थे और १९७९ में यह संख्या बढ़कर १ लाख से ऊपर हो गई। इस … Read more

नई शिक्षा नीति के चक्रव्यूह में हिन्दी

प्रो. अमरनाथकलकत्ता (पश्चिम बंगाल)****************************************** चकित हूँ यह देखकर कि,राष्ट्रीय शिक्षा नीति-२०२० में संघ की राजभाषा या राष्ट्रभाषा का कहीं कोई जिक्र तक नहीं है। पिछली सरकारों द्वारा हिन्दी की लगातार की जा रही उपेक्षा के बावजूद २०११ की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार आज भी देश की ५३ करोड़ आबादी हिन्दी भाषी है,दूसरी ओर अंग्रेजी बोलने … Read more

भाषा चिन्तन के सुझावों पर अमल नहीं हुआ

प्रो.अमरनाथ,कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)**************************************** हिन्दी के योद्धा:प्रेमचंद……… सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले हिन्दी के लेखकों में हैं। बड़े-बड़े विद्वानों के निजी पुस्तकालयों से लेकर रेलवे स्टेशनों के बुक स्टाल तक प्रेमचंद की किताबें मिल जाती है। प्रेमचंद की इस लोकप्रियता का एक कारण उनकी सहज सरल भाषा भी है,किन्तु मुझे यह देखकर आश्चर्य होता है कि … Read more

मातृभाषा में शिक्षा की वकालत की विश्वसनीय आवाज़ प्रो. जोगा सिंह-प्रो. अमरनाथ,कलकत्ता

प्रो. जोगा सिंह वास्तव में हिन्दी के योद्धा नहीं हैं,उनकी मातृभाषा पंजाबी है। वे मातृभाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्होंने अपने जीवन का यही मिशन बना लिया है। यदि ऐसा होता है तो देश के ९९ प्रतिशत विद्यार्थियों को फायदा होगा। इससे सबसे ज्यादा फायदा हिन्दी को मिलेगा, … Read more

हिंदी के प्रथम सेनानी:महर्षि दयानंद सरस्वती

डॉ. अमरनाथ ******************************************************************** विशेष श्रंखला:भारत भाषा सेनानी… स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म फरवरी १२ फरवरी १८२४ को काठियावाड़(गुजरात) क्षेत्र के ‘टंकारा’ नामक स्थान में हुआ था। उनके बचपन का नाम मूलशंकर था। वे समृद्ध परिवार के थे। आगे चलकर पंडित बनने की लालसा में वे वेदादि ग्रंथों के अध्ययन में लग गए। इसी क्रम में … Read more